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सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी, फर्जीवाड़ा का उजागर करने वाले शामिल हुए फर्जीवाड़े में !

विगत दिनों महासमुंद जिले पिथौरा विकासखंड अंतर्गत ग्राम साईं सरायपाली में मनरेगा के तहत उन लोगों को भुगतान करने का मामला सामने आया था जिन्होंने मनरेगा में कार्य किया ही नहीं. बताया जा रहा था कि फर्जी उपस्थिति डालकर मजदुरी की राशि को बिना मजदुरी करवाए ही सरकार से हड़पा जा रहा था.

मामला विकासखंड पिथौरा अंतर्गत ग्राम पंचायत साईं सराईपाली का है जहाँ के ग्रामीणों ने इस वर्ष 5 मार्च को जिला पंचायत महासमुंद के समक्ष मनरेगा में फर्जी हाजिरी डालकर मजदूरी राशि ग़बन करने हेतु जांच करने की शिकायत की थी.

जिसके बाद एक जांच दल गठन करके मनरेगा के कार्यो में हूए फर्जीवाड़ा की जांच करने अधिकारी को गाँव भेजा गया. गाँव से मामले की जाँच कर अधिकारी तो चले गए मगर दोषियों पर कार्रवाही कभी नहीं हुई. दिन गुजरते गए ग्रामीण राह देखते गए और कुछ ना होता देख उन्होंने जाँच की कॉपी ही सुचना के अधिकार के तहत मंगवा ली.

यह जाँच की कॉपी जब उन्हें मिली तो यह उनके लिए चौकाने वाला था ग्रामीणों के अनुसार अधिकारीयो द्वारा शिकायत सही पाया गया था. लेकिन जानकारी हासिल कर उन्हें पता चला कि ग्रामीणों द्वारा दिए गए बयान और पत्र में बनाया गया बयान दोनों अलग-अलग है. जो कि फर्जी है, पूरा बयान ही बदला हुआ है साथ में बयान कर्ताओं के हस्ताक्षर भी फर्जी है.

जानकारी के अनुसार जांच के समय जांच अधिकारियों ने ग्रामीणो एवं शिकायतकर्ताओं को बयान पढ़कर नहीं सुनाया और ना ही किसी को पढ़ने दिया था. ग्रामीणों ने बयान पत्रक को देखना चाहा लेकिन जांच अधिकारियों ने दिखाने से साफ इंकार कर दिया था. और उनके द्वारा जो बयान बनाया दिया गया उसके ठीक विपरीत बयान लिखा गया. तथा बयानपत्रक में बयानकर्ताओ के हस्ताक्षर भी फर्जी है.

बताया जा रहा है कि उपरोक्त मामले में जांच अधिकारियों के द्वारा दोषियों को बचाने के उद्देश्य से जानबूझकर फर्जी दस्तावेज तैयार किया गया है इस तरह से अपने कर्तव्य के विपरित कार्य करने वाले भ्रष्ट अधिकारी अपने पद पर बने रहना स्वस्थ समाज के लिए घातक है इसलिए उक्त जांच अधिकारियों को उनके पद से तत्काल बर्खास्त करने हेतु ग्राम सांई सराईपाली के रामाधार, भारतलाल, फगू एवं अम्बिका ने कल आयोजित जिला स्तरीय जन समस्या निवारण शिविर गोङबहाल में यह आवेदन प्रस्तूत किया है.  

उक्त शिकायत आवेदन को शिविर में 21/01 क्रमांक में पंचायत विभाग में पंजीयन कर जिला स्तर से अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने हेतु कहा गया है.




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