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जानिये राज्य सरकार द्वारा 6 महीनों में लिए गए बड़े फैसले.

मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के पुरखों को स्मरण कर नमन किया आज छत्तीसगढ़ विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2019-20 के प्रथम अनुपूरक अनुमान के तहत अनुदान मांग प्रस्तुत करते हुए कहा कि राज्य सरकार के 6 महीनों में से 3 महीने (जिनमे 3 महीने आचार संहिता के थे) पर इन तीन महीनों में ही राज्य सरकार द्वारा बड़े-बड़े फैसले लिये हैं और उन फैसलों पर अमल भी शुरू हो गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा छत्तीसगढ़ को लेकर हमारे पुरखों की जो समझ थी उसे कहीं दूर छोड़ दिया गया था. हमने उसे वापस लौटाने का काम शुरू किया है. आज 19 जुलाई छत्तीसगढ़ के पहले स्वप्नदृष्टा डॉ. खूबचंद बघेल जी की जन्म जयंती है. उन्होंने डॉ. बघेल को नमन करने के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के तमाम पुरखों का भी स्मरण किया, जिन्होंने कभी यह सपना देखा था कि अपने छत्तीसगढ़ की हरेली और तीजा कैसा होगा ? छत्तीसगढ़ में विश्व आदिवासी दिवस और कर्मा जयंती कैसे मनाएंगे ?

उन्होंने कहा हर त्यौहार समृद्धि और खुशहाली में ही फबता है। हमने पहले गांव में खुशहाली, उमंग और उल्लास लाने का कार्य शुरू किया और अब इन त्यौहारों की छुट्टी देने का कार्य किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 6 महीने में छत्तीसगढ़ की आत्मा अर्थात् हमारे गांवों, किसानों, महिलाओं, आदिवासियों और युवाओं के हित में राज्य सरकार द्वारा जितने बड़े-बड़े फैसले लिए गए हैं, वैसा उदाहरण पिछले कई दशकों तक नहीं मिलेगा.

छत्तीसगढ़ के इतिहास में सर्वाधिक 80 लाख मीट्रिक टन के साथ किसानों को 20 हजार करोड़ रूपए का भुगतान

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा छत्तीसगढ़ के इतिहास में सर्वाधिक 80 लाख 37 हजार मीट्रिक टन धान खरीदी और प्रचलित समर्थन मूल्य से 6 हजार करोड़ रूपए अधिक अर्थात् 20 हजार करोड़ रूपए का भुगतान किसानों को किया गया।

मुख्यमंत्री ने सदस्यों से पूछा कि 25 सौ रूपए क्विंटल में धान खरीदी और कर्जा माफी पर उनकी कोई अलग राय हो तो बताए। श्री बघेल ने कहा कि राज्य शासन द्वारा 19 लाख किसानों के 11 हजार करोड़ रूपए का कर्ज माफ किया गया। सहकारी और ग्रामीण बैंक ही नहीं, व्यवसायिक बैंकों से लिया गया कृषि ऋण भी माफ किया। किसानों के ‘नॉन परफामिंग खातों’ का वन टाइम सेटलमेंट का निर्णय लिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इक्का-दुक्का तकनीकी मामलों में कुछ समय लग रहा हो लेकिन सैद्धान्तिक तौर पर हमने किसानों को पुराने कृषि ऋण से मुक्त किया है। मुख्यमंत्री ने पूछा कि क्या कोई सदस्य सिंचाई कर माफी करने तथा घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को जो 400 यूनिट तक आधा बिल माफ करने से सहमत नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य में सालाना 950 करोड़ रूपए खर्च का इंतजाम किया गया है।

मुख्यमंत्री ने पूछा कि एक परिवार को 35 किलो चावल तथा तेंदुपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक 4 हजार रूपए मानक बोरा करने से भी कोई सदस्य क्या असहमत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर-सरगुजा और मध्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष अब मुख्यमंत्री नहीं है, बल्कि बस्तर-सरगुजा के स्थानीय विधायक हैं।

नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी’ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारने का कार्यक्रम

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि ‘नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी’ की अवधारणा छत्तीसगढ़ की परम्परा और पर्यावरण से जुड़ी है। यह छत्तीसगढ़ राज्य और यहां की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुधारने का कार्यक्रम है।

मुख्यमंत्री ने कहा हरेली के दिन हम जब नव-निर्मित सैकड़ों गौठानों का लोकार्पण करेंगे, तब गांव-गांव में गौ-माता और अन्य मवेशियों को लेकर जो प्रेम गांव वालों की आंखों में उमड़ेगा उसे देख लीजिएगा।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत छत्तीसगढ़ के कार्यों को, भारत सरकार ने देश में सबसे अधिक उपलब्धि बताया

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत हमने पिछले 6 महीनों में जो काम किया है उसे भारत सरकार ने देश में सबसे अधिक उपलब्धि बताया है। मुख्यमंत्री ने विद्युत कटौती संबंधी आलोचनाओं पर कहा कि सी.ई.ए. (केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण) का कहना है कि छत्तीसगढ़ में विद्युत आपूर्ति का रिलायलबिलिटी फैक्टर लगभग 98 प्रतिशत है।

छोटे भू-खण्ड की खरीदी-बिक्री से रोक हटाने से गरीब तबके को मिली राहत

मुख्यमंत्री ने कहा छोटे भू-खण्ड की खरीदी-बिक्री से रोक हटाने के राज्य सरकार के फैसले पर कहा कि- राजनांदगांव जिले के सिंकोला गांव में रहने वाले ‘नसीब खान’ अब अपनी जरूरतों के लिए अपने छोटा-सा भू-खण्ड बेचने में सफल हो पाए। इसी तरह बलौदाबाजार की ‘अनिला मारकंडे’ ने भरसेली गांव में अपनी अल्प राशि से 3 डिसमिल का छोटा प्लॉट खरीद सकी। राज्य सरकार के इस निर्णय से कई लोगों ने अपने बेटियों की शादी की तो कई लोगों ने बीमारों के ईलाज कर अपने परिजनों को बचाया।

मुख्यमंत्री ने बस्तर जिले के लोहण्डीगुड़ा तहसील के ग्राम धुरागांव के ‘मासो’ का उल्लेख किया। जब उसे उसकी जमीन वापस मिल गई तो उसे लगा जैसे उसकी बिझड़ी हुई माँ वापस मिल गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम उद्योगों के खिलाफ नहीं हैं लेकिन यह जरूरी है कि औद्योगिक नियम और कानूनों का पालन किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा की बस्तर के आदिवासियों का विश्वास जीतना हमारी नीति है।

जगरगुण्डा का बंद स्कूल 13 साल बाद खुला

मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सलवाद की नीति स्पष्ट है। बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित जगरगुण्डा का 13 सालों से बंद स्कूल फिर से शुरू किया गया।

उन्होंने नक्सलवाद की नीति के संबंध में कहा कि ऐसे लोग बस्तर के बाजार हाट में लगने वाले स्वास्थ्य शिविर देख लें, आंगनबाड़ी केन्द्रों में की गई सुपोषण भोजन की व्यवस्था देख लें। अब राज्य सरकार द्वारा आदिवासियों को चना के साथ गुड़ का कार्य भी किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि 10 बोरा तेंदुपत्ता इकट्ठा करने वाले श्री गंगूराम उसेण्डी और श्री राजकुमार राठिया जैसे आदिवासी भाई-बहन जब 40 हजार रूपए लेकर घर जाते हैं तब उसके परिवार की खुशी देखिए। मुख्यमंत्री ने कहा बस्तर में बदलाव आ रहा है और आदिवासियों का विश्वास जीतना हमारी सबसे बड़ी नीति है।





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