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पोल खूली तो एक ही दिन में एक ही पंचायत के 17 लोगो को मार दिया

शासन के महत्वकांक्षी योजना के तहत गरीबों को राशन वितरण करने का नियम है. शासन का यह भी नियम है कि संबंधित क्षेत्र के खाद्य निरीक्षक प्रत्येक छह माह में सामाजिक अंकेक्षण कर रिपोर्ट तैयार करेगा और देखेगा कि किसी अपात्र या मृत लोगों को तो राशन का वितरण नहीं हो रहा है.

परंतु यह सब नियमों की बातें हैं खाद्य विभाग की जमीनी हकीकत तो यह है कि एक ही गांव में 17 मृत लोगों के नाम से कई वर्षों से प्रतिमाह राशन का उठाव होते रहा और जब हो हल्ला होकर विभाग की पोल खुली कि इस गाँव में ऐसे 17 मूर्दे भी है जो राशन खा रहे है तब वर्षो पूर्व मृत लोगों को एक ही दिन में मृत होना बताकर उनका नाम रिकॉर्ड से डिलीट किया गया है.

यह मामला विकासखंड पिथौरा अंतर्गत ग्राम पंचायत माटीदरहा का है. उक्त ग्राम पंचायत में राशन दुकान के संचालन हेतु प्रारंभ से ही प्रगति महिला स्व सहायता समूह ग्राम माटीदरहा को आवंटन प्राप्त है महिला समूह के अध्यक्ष श्रीमती भोज कुमारी बढ़ाई के पति मथामणी बढ़ाई के द्वारा राशन वितरण का कार्य किया जाता है.

जानकारी के अनुसार यह मामला प्रगति महीला स्व सहायता समूह के सभी सदस्यो को रहते हूए की ग्राम पंचायत माटीदरहा में कई अंत्योदय (गुलाबी) राशन कार्ड धारीयो की मृत्यू हो चूकी है. इसके बावजूद उसके तथ्यो को छूपाकर वर्ष 2013 से वर्ष 2019 के फरवरी माह तक मृतको को जिवित बताकर शासन से राशन का उठाव कर वितरण किया गया है। आपको बता दें की अंत्योदय (गुलाबी) कार्ड धारी एकाकी सदस्य होते है.

जिला खाद्य अधिकारी महासमुंद से आवेदक रूपानंद सोई को मिली जानकारी अनुसार कलेक्टर महासमुंद के द्वारा खाद्य निरीक्षक (सर्व) जिला महासमुंद को पत्र भेजकर दिनांक 16/0 1/18 के तहत पीडीएफ योजना का सामाजिक अंकेक्षण ग्राम सभा में अनिवार्य रूप से करने हेतु निर्देशित किया गया था।

जिसमें विगत 6 माह का ग्राम पंचायत /वार्ड में मृतक एवं पात्र- अपात्र सदस्यों की सूची तैयार कर जिला खाद्य अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना था । लेकिन विकासखंड पिथौरा में पदस्थ खाद्य निरीक्षक के द्वारा उचित मूल्य दुकान क्रमांक 82003039 (माटीदरहा) का सामाजिक अंकेक्षण नही किया गया.  

और जब पोल खूली तो खाद्य निरिक्षक पिथौरा के द्वारा ग्राम पंचायत माटीदरहा के 17 व्यक्तियो को एक ही दिन में दिनांक 26/02/2019 को मृत घोषित कर मृतको के नाम रिकार्ड से डिलीट कर दिया गया है.

उपरोक्त मामले की शिकायत रूपानंद सोई के द्वारा सचिव खाद्य विभाग छत्तीसगढ शासन एवं जिला खाद्य अधिकारी महासमुन्द के समक्ष प्रस्तूत कर जांच एवं कार्यवाही की मांग की है.




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