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सांकरा के जंगलों में देखा गया दुर्लभ प्राणी पेंगोलिन, दवा बनाने के लिए की जाती है तस्करी

दुलर्भ जीव पैंगोलिन महासमुंद जिले के सांकरा थाना अंतर्गत ग्राम लालमाटी के जंगलों में देखने को मिला. लोगों ने इस पैंगोलिन को पकड़ के एक प्लास्टिक के ड्रम में रख लिया था और फिर उसका विडियो सोशल मिडिया में देखने को मिला. बताया जा रहा है कि गाँव वालों ने वापस इसे जंगल में छोड़ दिया.  

इस वीडियो को जब एसडीओ मयंक पाण्डेय से साझा किया तो उन्होंने इसके पैंगोलिन होने की पुष्टि की और कहा कि इसकी जानकारी पिथौरा वन विभाग को देंगे.

यह जीव भारतीय उपमहाद्वीप में केवल कोरबा, अमरकंटक, अंबिकापुर के जंगलों में पाया जाता है. ये बहुत शर्मीले स्वभाव का होता है. गोल, लंबी तथा लसलसी जीभ होती है. इसके शरीर पर बालों के गुच्छे (कैरेटाइन) सख्त होकर सेल में रुपांतरित होकर रक्षा कवच बनाते हैं.

यह जीव खतरे की आशंका को भांपते हुए खुद को कुंडली मार कर छिपा लेता है. भारत में यह प्रजाति संरक्षित है क्योंकि उसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची प्रथम में रखा गया है.

जानकारी के मुताबिक भारतीय पैंगोलिन फिलहाल दुनिया का सबसे ज्यादा तस्करी किया जाने वाला जानवर है. पैंगोलिन का उसके शल्कों और मांस के लिए शिकार किया जाता है. इसका सबसे बड़ा बाजार चीन है. चीन में बड़े पैमाने पर इसके मांस से पौरुष शक्ति दवाएं बनाई जाती हैं.




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