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बीती रात हुए बारिश से फसलों को मिला जीवनदान, किसानों के चेहरों पर लौटी रौनक

सरायपाली. बीती रात हुए तेज बारिश से किसानों के चेहरों पर रौनक लौट आई है.इस सत्र की सबसे ज्यादा बारिश 64.4 एमएम रिकार्ड किया गया है. स्वर्णा एवं टिकरा फसल के लिए बारिश संजीवनी साबित हुआ है एवं रोपा बियासी के कार्य में भी तेजी आई है.

बीते वर्ष की अपेक्षा बारिश 25 प्रतिशत पिछड़ी हुई है, जिससे खेती किसानी का कार्य भी पिछड़ा है. कृषि विभाग से मिली जानकारी अनुसार ब्लॉक में 35100 हेक्टेयर में धान बोने का कार्य किया गया है. वहीं 12900 हेक्टेयर में रोपा किया जाना है, जिसमें से 4408 हेक्टेयर में हो चुका है. साथ ही बियासी का कार्य भी 210 हेक्टेयर में किया जा चुका है.

इस वर्ष लगाई गई विभिन्न फसलों में मक्का 116 हे. में, अरहर 83 हे., मूंग 1060 हे., उड़द 1535 हे., मूंगफली 1550, तिल 31, चारा 22 एवं सब्जी की खेती 235 हेक्टेयर में की गई है. बारिश नहीं होने से सभी फसल प्रभावित हो रहे थे. विगत 25 जुलाई को भी बारिश हुई थी, लेकिन वह पर्याप्त नहीं थी. जिससे किसान भी चिंतित नजर आ रहे थे.

लेकिन बीती रात हुई बारिश से किसानों की चिंता दूर हो गई है. बीती रात की बारिश इस सत्र की सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई है. जबकि विगत 2 जुलाई को 20 घण्टे लगातार बारिश होने के बावजूद इतना बारिश का रिकार्ड दर्ज नहीं किया गया था. अब तक इस सत्र में कुल 455 एमएम बारिश दर्ज किया गया है, जबकि विगत वर्ष इस समय तक 604 एमएम बारिश हो चुका था.

इस वर्ष औसतन 75.3 प्रतिशत बारिश हुई है जो विगत वर्ष की तुलना में 25 प्रतिशत कम है. बीती रात हुई बारिश से खेती किसानी के कार्य में भी तेजी आई है और बियासी का कार्य जोरों से चल रहा है. टिकरा फसल में गुड़ाई कार्य भी बारिश के बाद से जोर शोर से जारी है.

समितियों को हो चुका 5189 टन खाद का वितरण

बारिश पिछडे“ होने के बावजूद ब्लॉक के 13 सहकारी समितियों को सभी प्रकार के खाद का वितरण भी किया जा चुका है. ब्लॉक में कुल 6266 टन खाद का भंडारण हुआ है, जिसमें यूरिया 2910 टन में से 2582 टन का वितरण हो चुका है.

इस तरह सुपर फास्फेट 414 टन में से 308 टन, पोटाश 255 टन में से 181 टन, इफको 390टन में से 310 टन एवं डीएपी 2236 में से 1809 टन, इस तरह कुल 5189 टन खाद का भी वितरण समितियों को हो चुका है.






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