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बारिश की कमी के चलते पिछड़ी खेती, किसानों को उत्पादन प्रभावित होने की आशंका

सरायपाली. बारिश की कमी के चलते इस वर्ष खेती किसानी का काम पिछड़ते नजर आ रहा है. अभी भी अंचल के कई गांवों में पर्याप्त पानी का अभाव देखा जा रहा है. खासकर भांटा किस्म के खेतों में पानी लबाबल नही भर

सका है. जिसके कारण किसानों को रोपा बियासी करने में परेशानी हो रही है. हरियाली त्यौहार तक रोपा बियासी का काम समाप्ति की ओर रहता है परंतु इस वर्ष अगस्त महीने तक रोपा बियासी का काम चलते रहने की उम्मीद की जा रही है.

खेती के बिलंब होने की वजह से धान का उत्पादन भी प्रभावित होगा. खासकर भांटा किस्म के खेतों में जहां खुर्रा बोनी किया गया है वहां पानी का अभाव बने रहने के कारण धान के पौधे का समुचित विकास नही हो सका है.

विगत कुछ 26 एवं 28 जुलाई को हुई बारिश के बाद ही अंचल में रोपा बियासी का काम जोरों से चल रहा है. ग्रामीण अंचलों में लोग दिन भर खेती किसानी के कामों में व्यस्त नजर आ रहे हैं. दिनों दिन सबसे अधिक परेशानी खंड वर्षा को लेकर हो रही है. अभी तक विकासखंड में मूसलाधार बारिश का अभाव देखा गया है. जिसके चलते भांटा किस्म के जमीन में पानी नही लग सका है.

दरअसल कुछ वर्षों से यहां के किसान अछरा खेती की ओर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. इसमें खेतों की अच्छी जोताई करने के बाद उस पर धान की बोआई किया जाता है लेकिन इस सीजन में बारिश की कमी के चलते अछरा लगाने में पर्याप्त समय नही मिला ऐसे खेतों में रोपा लगाने का काम इन दिनों किया जा रहा है.

सावन के महीने में जिस तरह से बारिश होने चाहिए वह अभी तक दिखाई नही दे रहा है और न ही सावन की झड़ी दिखाई दे रही है. किसानों को अभी भी कुछ घंटे मूसलाधार बारिश की आवश्यकता महसूस हो रही है जिससे सभी खेतों में पानी लबालब भर सके. वहीं पहले की भांति इस क्षेत्र के किसान बोए गए धान की अब बियासी नही कर रहे हैं इसके बदले केवल पाटा चलाकर काम चलाया जा रहा है.

एक तो मजदूरों की समस्या तथा समय अभाव के किसान धान बियासी का शॉर्टकट ज्यादातर अपना रहे हैं. ग्राम तोरेसिंहा, भुथिया, किसड़ी, कुसमीसरार, खपरीडीह सहित क्षेत्र के कुछ गांवों में अभी भी आसपास के बरसाती नालों से मोटरपंप लगाकर खेतों तक पानी पहुंचाने का काम चल रहा है.




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