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नागपंचमी पर्व पर रा से यो , इको क्लब एवम जीवविज्ञान विभाग का संयुक्त आयोजन । सर्पों का जैवविविधता में महत्व विषय पर खुला मंच का आयोजन हुआ ।

बसना , " भारतीय संस्कृति प्रकृति पूजन की रही है जिसे धार्मिक मान्यताओं के साथ भी जोड़ा गया है यह हमारे पर्यावरण संरक्षण का एक अहम हिस्सा है । नाग सर्प की विविध प्रजातियां अपने निवास के जैव विविधता को बनाए रखने में मुख्य भूमिका निभाते हैं , ये कृषकों के मित्र भी हैं । " उक्ताशय के उद्गार स्रोत ब्यक्तियों ने नागपंचमी के अवसर पर आयोजित खुला मंच कार्यक्रम के दौरान ब्यक्त किए ।

राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी रमेश कुमार सोनी के नेतृत्व एवम के सी साहू प्राचार्य के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय सेवा योजना , सुरभी ईको क्लब तथा जीवविज्ञान विभाग के द्वारा आयोजित इस नागपंचमी के कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत दलनायक मो आकिब कादरी , चमनलाल , राजेश भोई आदि ने किया । अतिथि के रूप में ब्याख्याता गण - अशोक कुमार बंजारा एवं देवेंद्र सिंह रॉय उपस्थित थे ।

 

"सर्पों का जैव विविधता में महत्व तथा भ्रांतियां " विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम में आधार वक्तव्य अशोक बंजारा ने दिया जबकि देवेंद्र सिंह रॉय ने इसके पर्यावरणीय पहलू को रेखांकित किया । छात्रों की ओर से प्रदीप षडंगी , कोमल नारायण चौहान , राजेश भोई , एवम प्रकाश दास ने अपने विचार रखे । सर्पों की वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टिकोण पर तुलनात्मक वक्तव्य देते हुए रमेश कुमार सोनी ब्याख्याता ने छात्रों - डोमेन्द्र , अजय सिन्हा, सुनील चौहान , सुमित , राहुल नाग , जतिन बगर्ति , हितेश प्रधान, साजिद अली एवम सेतकुमार के सर्पों से संबंधित सवालों और भ्रान्तियों - सर्प का बदला, इच्छाधारी, खजाने का रक्षक, ,दूध पिलाना , सांप का पुनर्जन्म , उसका नाचना और सपेरे की भूमिका जैसे सवालों का वैज्ञानिक जवाब देकर उन्हें संतुष्ट किया तथा इनसे बचने की सावधानी बताई , प्राथमिक उपचार की सलाह एवम झाड़ फूँक से बचने की सलाह दी गयी ।

कार्यकम का संचालन तथा धन्यवाद ज्ञापन नानदाऊ साव ने किया ।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विनय देवांगन , लोकेश साव , देवेंद्र कुमार, एवम सुमन कुमार का विशेष सहयोग रहा ।






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