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एक, दो, पाँच एवं दस के सिक्के नहीं लेने पर होगी कार्यवाही - एसडीएम

सरायपाली. सिक्कों को लेकर व्यापारियों एवं आम जनता को हो रही परेशानी को ध्यान में रखते हुए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व विनय कुमार लंगेह के द्वारा सरायपाली एवं बसना के व्यापारियों एवं बैंक प्रबंधकों की आवश्यक बैठक बुलाई गई थी. लेकिन प्रचार प्रसार के अभाव में उपस्थिति नगण्य रही. वहीं बैंक के एक भी कर्मचारी बैठक में उपस्थित नहीं हुए थे, केवल सरायपाली के ही कुछ व्यापारी पहुँचे हुए थे.

गुमटी, ठेले, किराना दुकान, पान ठेलों आदि स्थानों पर 1,2,5 एवं 10 के सिक्के लेने में व्यापारी आनाकानी करते थे. वहीं कुछ व्यापारी तो सिक्के लेते थे, लेकिन जब वे उक्त सिक्के से खरीददारी करने बड़े व्यापारियों के पास जाते थे,तो बड़े व्यापारियों द्वारा सिक्के को नहीं लिया जाता था. उनका भी कथन था कि बैंक ही सिक्के नहीं ले रही है तो इतने अधिक मात्रा में मिल रहे सिक्के का खपत वे कहाँ करेंगे. प्रतिदिन किसी न किसी बैंक से सिक्के को लेकर वापस लौटते हुए ग्राहकों को देखा जा सकता है. 

आज ही एक बैंक पहुँचे ग्राहक ने फोन लगाकर सूचना दी कि उनके द्वारा लाये गए दो हजार रूपये के सिक्के को बैंक के कर्मचारी लेने से मना कर रहे हैं. बैंक भी सिक्के को चलन में रखने की बात करते हुए ग्राहकों को वापस कर देते हैं. इस तरह एक दूसरे के ऊपर सिक्के न लेने का आरोप लगाया जा रहा है. यहाँ तक तो कुछ ग्राहक ही व्यापारी द्वारा दिए गए सिक्के को लेने से मना करते हैं. आखिर व्यापारी भी उनके पास आने वाले सिक्के को चलायें तो चलायें कैसे.

अफवाह के कारण सिक्के का चलन काफी कम हो जाने व व्यापारियों को हो रही समस्या एवं आए दिन शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सरायपाली एसडीएम कार्यालय में आज सुबह 11 बजे बैठक रखी गई थी. बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि कोई सिक्के न लेने के संबंध में एसडीएम ऑफिस में लिखित शिकायत करता है तो सिक्के न लेने वाले पर भारतीय मुद्रा का अपमान मानते हुए उन पर कार्यवाही की जाएगी. साथ ही सिक्के को चलन में लाने व अफवाहों को दूर करने के लिए गाँवों में मुनादी कराने एवं नगरपालिका में भी माईक से सूचना देने के अलावा बैंकों, दुकानों में सिक्के को चलन में रखने संबंधी पोस्टर चिपकाने की भी चर्चा की गई.

बैठक में बैंक के नहीं पहुँचे थे एक भी कर्मचारी

उक्त बैठक में सरायपाली के अलावा बसना के राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारियों ने भी भाग लिया. बैंक के एक भी कर्मचारी न पहुँचने एवं अधिकांश कुर्सी खाली रहने को लेकर भी सवाल उठे. वहीं कुछ लोगों ने बताया कि केवल सोशल मीडिया में ही प्रचार प्रसार किया गया था और किसी को व्यक्तिगत सूचना नहीं दी गई थी, इसलिए भी कई लोग बैठक में नहीं पहुँच पाये.






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