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सरायपाली जिला निर्माण को लेकर विधायक क़िस्मतलाल नन्द करेंगे मुख्यमंत्री से बात, तो वहीं सारंगढ़ जिला नहीं बनने से विधायक उत्तरी जांगड़े दे सकती है इस्तीफ़ा.

स्वतंत्रता दिवस के दिन मुख्यमंत्री द्वारा गौरेला-पेंड्रा को जिला बनाए जाने की घोषणा के बाद अन्य जगहों से कभी ​जिला बनाने की मांग उठने लगी है. इन मांगो में सरायपाली और सारंगढ़ को जिला बनाए जाने को लेकर सरगर्मी तेज हो चुकी है.

जहाँ कल सारंगढ़ की विधायक उत्तरी जांगडे ने, सारंगढ़ वासियों का साथ राजनीति से ऊपर बताते हुए समय के रहते सारंगढ़ को जिला नहीं बनाने से इस्तीफ़े की धमकी दी है. तो वहीं सारंगढ़ वासियों ने सारंगढ़ को जिला नहीं बनाए जाने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पुतला फूंक दिया.

विगत दिनों ने मंत्रालय से एक अनाधिकृत पत्र वायरल हुआ था जिसमे सारंगढ़ के बजाय फुलझर अंचल से जिला बनाये जाने की बात सामने आई थी. हलाकि उस समय सारंगढ़ वासियों ने भी सरायपाली को जिला के रूप में मान लिया था उन्हें भी लगने लगा था कि सारंगढ़ की बजाय सरायपाली जिला बनने के अनुकूल है. मगर जब पत्र के फर्जी तरीके से वायरल होने की ख़बर आई तो सारंगढ़ वासियों के मन में जिला बनने की उम्मीद कायम रही. तब से लेकर अबतक सारंगढ़ वासियों ने जिला बनाने को लेकर इतने आन्दोलन किये कि विधायक उत्तरी जांगड़े को भी इस्तीफे की धमकी देनी पड़ी.

वहीं दूसरी ओर सरायपाली विधायक किस्मतलाल नन्द विधायक बनते ही सरायपाली को जिला बनाने के लिए पेशकश कर चुके है. वर्तमान में सरायपाली विधायक किस्मतलाल नन्द ने cgsandesh.com को बताया कि विधायक उत्तरी जांगड़े इस्तीफे की बात जरुर कर रहीं है लेकिन सरायपाली वाले चाहते है कि सारंगढ़ हमारे में आये जबकि सारंगढ़ वाले सरायपाली नहीं आना चाह रहें है. वहीं सरायपाली भी कभी सारंगढ़ में जाना नहीं चाहेगा. विधायक किस्मतलाल नन्द ने कहा कि सरायपाली को जिला बनाने के लिए वो प्राथमिकता से मुख्यमंत्री के समक्ष मांग करेंगे.




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