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सफलता की कहानी मनरेगा योजना गड़बेड़ा गौठान दो सौ से अधिक पशुओं का बना आवास

महासमुन्द 16 सितम्बर 2019/ सुराजी ग्राम योजना के तहत गरूवा के उन्नयन के लिए पिथौरा विकासखण्ड ग्राम पंचायत गड़बेड़ा में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में अभिसरण के तहत गौठान निर्माण की स्वीकृति की गई है। जो कि राष्ट्रीय राजमार्ग-53 से 300 मीटर की दूरी पर स्थित है। राज्य शासन द्वारा गौठान स्वीकृत कर जो पहल की गई है। इससे ग्रामीणों के पशुओं एवं अन्य पशु जो अन्यत्र घुमते थे उनके लिए स्थायी आवास हो गया है।

गड़बेड़ा के गौठान में पशुओं की संख्या 214 है। गौठान निर्माण तीन एकड़ के क्षेत्रफल में किया गया है। गौठान निर्माण के स्थल से निकट में पशुओं के पानी-पीने के लिए नलकुप की व्यवस्था की गई है। प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त होने के पश्चात बाह्य परिधी का चिन्हाकन उपरांत पानी अवशोषण खंती तथा आंतरिक खंती का निर्माण किया गया।

इस कार्य में 40 मजदूरों द्वारा कार्य किया गया। कुल 706 मानव दिवस का रोजगार प्राप्त हुआ हैं, इसमें महिलाओं की भी भागीदारी थी। महिला मजदूरों में इस परियोजना को लेकर काफी हर्षोल्लास नजर आया। सभी ग्रामीण पूर्व से अधिक दिलचस्पी लेकर वे इस कार्य को कर रहे हैं। गोठान निर्माण के स्थल में बाह्य परिधी में पानी अवशोषण खंती का निर्माण किया गया। जिससे गांव के जल स्तर में बढ़ोत्तरी होगी एवं स्थल के आस-पास पानी एक़त्रित न हो कर खेत में अवशोषित होगा। जिससे कीचड़ एवं कीडेनही होगा।

उल्लेखनीय है कि गोठान निर्माण के स्थल पर तीन नग पानी टंकी का निर्माण किया गया है। पानी टंकी के बनने से गोठान में आने वाले पशुओं के लिए पेय जल की व्यवस्था की गई है। पशुओं के चारे के लिए गौठान स्थल से लगे हुए जमीन पर 10 एकड़ चारागाह का निर्माण किया गया है। जिसमें बाजरा एवं मक्का लगाया गया है। समय पर चारा और पानी की उपलब्धता से पशु गोठान पर ही समय व्यतीत करना पसंद कर रहे है। इससे फसल भी सुरक्षित है व किसान इससे बेहद प्रसन्न है।

गौठान में महिला स्व-सहायता समूह द्वारा गोबर से बनाया जा रहा है जैविक खाद

महिला स्व सहायता समूह के समिति द्वारा गाय के गोबर को वर्मीबेड में एकत्रित कर जैविक खाद बनाया जा रहा है।गौठान में पशु विभाग द्वारा समय-समय पर टीकाकरण किया जा रहा है। जिससे पशुओं के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। ग्रामीणों ने ग्राम सभा आयोजित कर संकल्प लिया है कि इस वर्ष से रबी फसल के पैरा को नही जलाया जाएगा। उसे गोठान समिति को पशुओं के भोजन व्यवस्था के लिए एकत्रित किया जाएगा।गोठान निर्माण कार्य में पशुओं की स्वास्थ की देख-रेख के लिए समय-समय पर पशुचिकित्सक द्वारा जांच की जाती है एवं उनका उपचार किया जाता है। गौठान निर्माण होने से गांवके पशु एवं घुमंतू पशु दोनों गौठान में आकर एकत्रित होने से सड़क दुर्घटना में कमी आई है।





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