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एनएच के किनारे हो रही है वाहनों की प्रदूषण जाँच,नये नियमों की आहट पाते ही दर्जनों की संख्या में पहुँच रहे हैं लोग

पेट्रोल एवं डीजल वाहनों की अलग-अलग होती है प्रदूषण जाँच

सरायपाली. यातायात के नियमों में कड़ाई होने के बाद अब लोगों में इसके प्रति गंभीरता भी दिखाई देने लगी है. भारी भरकम जुर्माने का डर हो या वाहन चालकों में जागरूकता का आना, अब लोग अपने वाहनों के कागजात पूर्ण करने के लिए सजग दिखाई देने लगे हैं. वाहनों में विभिन्न कागजातों के साथ वाहन प्रदूषण की जाँच का भी प्रमाण पत्र अनिवार्य है. इसके लिए इन दिनों प्रदूषण की जाँच करवाने वालों की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी हुई है.

पूर्व में प्रदूषण की जाँच करवाने के लिए एक दिन में जहाँ 10-12 वाहन आते थे, वहीं इन दिनों 35 से 40 वाहन प्रतिदिन प्रदूषण की जाँच करवा रहे हैं. नगर के घण्टेश्वरी मंदिर के पास वाहनों में प्रदूषण की जाँच कर रहे पीयूसी वाहन के पास अच्छी भीड़ दिखने लगी है.

विगत दिनों केन्द्र सरकार के द्वारा यातायात नियमों के प्रति काफी सख्त रवैया अपनाया गया है और नियमों का उल्लंघन करने पर भारी-भरकम जुर्माने का प्रावधान किया गया है. हालांकि छत्तीसगढ़ में अभी इन नियमों के लागूृ होने के संबंध में किसी प्रकार का स्पष्ट निर्देश सामने नहीं आया है. इसके बावजूद लोगों में इसके प्रति जागरूकता दिखाई दे रही है और वाहनों से संबंधित सभी प्रकार के कागजातों को पूर्ण करने में लगे हुए है.

इसी कड़ी में वाहनों में प्रदूषण की जाँच के लिए भी काफी भीड़ दिख रही है. यहाँ विगत अक्टूबर 2018 से रंजीत सिंह आहूजा के द्वारा वाहनों के लिए प्रदूषण मुक्त कार्ड बनाने की एजेन्सी ली गई है.वाहन चेकिंग के बाद प्रदूषण मुक्त कार्ड जारी करने वाले वेद प्रकाश चैहान ने बताया कि 1 सितंबर से यातायात नियमों में बदलाव होने के कारण प्रतिदिन 20-25 चार पहिया एवं 15-20 दुपहिया वाहन प्रदूषण की जाँच करवाने आ रहे हैं.

पूर्व में यह संख्या मात्र 10 से 12 ही थी. नियम लागू होते ही संख्या में भी बढ़ोत्तरी हुई है. पहले झिलमिला, बस स्टैण्ड, मितान ट्रेक्टर के पास वाहनों के प्रदूषण की जाँच की जाती थी. लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरने वाले लोग वाहन की जाँच से वंचित हो जाते थे, इसलिए वर्तमान में घण्टेश्वरी मंदिर के पास फोरलेन से लगकर वाहनों के प्रदूषणकी जाँच की जा रही है. एनएच के किनारे होने के कारण चारपहिया वाहन एवं ट्रक चालकों को प्रदूषण की जाँच करवाने में सहूलियत हो रही है.

जाँच करने वाली मारूती वाहन दो बैटरी, इनवर्टर एवं लैपटॉप से लैस है. पेट्रोल एवं डीजल वाहन के लिए अलग-अलग प्रदूषण जाँच की भी सुविधा है. दुपहिया वाहन चालकों से आरसी बुक, वाहन नंबर एवं मोबाईल नंबर लिया जाता है.गाड़ी चालू करने के बाद सायलेंसर में जाँच यंत्र डालकर प्रदूषण की जाँचकी जाती है. यदि वाहन का धुआँ (कार्बन डाई आक्साइड)3.0 से अधिक हुआ तो उसे प्रदूषित मानकर उसे प्रमाण पत्र नहीं दिया जाता एवं गाड़ी केसर्विसिंग की सलाह दी जाती है.

प्रतिदिन 1 से 4 की संख्या में इस प्रकार के वाहन भी पहुँच रहे हैं. बीएस-4 दुपहिया वाहन को एक वर्ष एवं बीएस-3 वाहन को 6 माह के लिए प्रदूषण मुक्त कार्ड जारी किया जाता है. बिना नंबर के वाहनों का प्रदूषण जाँच नहीं होता. 1 सितंबर के बाद दिन में 1 से 4 ट्रक भी प्रदूषण की जाँच करवाने के लिए पहुँच रहे हैं. दुपहिया से प्रदूषणजाँच के लिए 40 रूपये, चार पहिया नॉनबेस से 80 रूपये, 6 चक्का वाहन से 100 रू, 12 से18 चक्का तक वाले वाहनों से 150 रू लिया जाता है. प्रतिदिन सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक वाहनों की जाँच की जाती है.






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