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गांधी जी के आदर्श से प्रभावित होकर बनवाई थी उनकी मुर्ती, 2 अक्टुबर को सारे ग्रामीण पूरी श्रद्धा के साथ मनाते है जयंती.

प्रदीप सिंह कोटद्वारी |  जो गांव जंगल से सटा हो, और वहां के निवासी आदिवासी वाहुल्य हो, खेती किसानी के साथ वनोपज जिसका जीविका हो ऐसे गांव में आज भी गांधी जयंती पूरी श्रद्धा के साथ मनाते है. सरायपाली ब्लाक से 35 किमी दूर बनोंभाठा गांव के गौटीयां व भूतपूर्व सरपंच स्वर्गीय भागीरथी बरीहा गांधी जी के आदर्श पर प्रभावित थे. इसलिये सन 1997 में गांव के बीचों.बीच गांधी जी के मुर्ती का निर्माण करवाए और  उसके बाद उसी दिन से गांव में गांधी जयन्ती पुरे ग्रामीण पर्व की तरह मनाते आ रहे हैं.

इस गाँव में प्रतिवर्ष 2 अक्टुबर को सारे ग्रामीण अपना काम धंधा बंदकर जाहापर मूर्ति हे उसके आसपास साफ सफाई करके मंच बनाते हे. नहा धोकर बच्चे, बुढे, महिला आदि ग्रामीण एकत्रित होकर बापु को पुजा अर्चना करते है. इस अवसर पर कल पंचायत सचिव डिग्रीलाल दीप ने अपने उद्बोधन में कहा गांधीजी का सपना था हर गांव में स्वच्छता व नशामुक्ती हो तो वहीं रोजगार सहायक विरेन्द्र साहु ने बापु के प्यारा गीत रघुपती राघव राजाराम सबके साथ गाया.

इस मौकेपर गांव के गौटीयां मित्रउदोय बरीहा, सरपंच प्रतिनिधि हेमन्त साहु, गुरवारी धनीराम कुम्हार , बेलमती रामनाथ बरिहा, धनुर्जय साहु, देवार्चन चौधरी, मितानिन किशोरी कुम्हार आदि उपस्थित थे.





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