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किसान सम्मान निधि की दूसरी किश्त नहीं हो रही है जमा, मोबाईल फोन में दस्तावेज त्रुटि का आ रहा है मैसेज

सरायपाली. प्रधानमंत्री कृषक सम्मान निधि योजना के तहत केन्द्र सरकार की ओर से किसानों को तीन किश्तों में 6 हजार रूपये दिया जाना था. योजना के तहत अधिकांश किसानों के खाते में पहले किश्त की राशि तो जमा हो गई, लेकिन दूसरे किश्त की राशि जमा होने के पूर्व किसानों के पास दिए गए मोबाईल नंबर पर दस्तावेज त्रुटि के कारण राशि जमा न होने की मैसेज आ रहा है.

ग्राम कनकेवा के हेमलाल पटेल, उमरिया से हीरालाल तिवारी व द्वारका पटेल ने बताया कि उनके पास दस्तावेज त्रुटि होने के अलावा आवेदन व आधार के नाम में विसंगति होने के कारण राशि जमा न होने का मैसेज आया है और बैंक खाता में दूसरा किश्त जमा नहीं हो रहा है.

मैसेज के माध्यम से वेबसाईट के फॉर्मर कॉर्नर में जाकर अपना नाम अपडेट करने अथवा नोडल अधिकारी से सम्पर्क करने की सलाह दी जा रही है. जबकि उनके गाँव के ही कई लोगों के खाते में राशि जमा हो गया है. किसानों का आरोप है कि केन्द्र सरकार किसानों के साथ छलावा कर रही है, इसलिए तरह-तरह के मैसेज भेजकर राशि जमा नहीं की जा रही है.

जब प्रथम किश्त की राशि जमा हो गई है, तो द्वितीय किश्त में दस्तावेज त्रुटि कैसे हो सकती है. यदि दस्तावेज त्रुटि होती तो प्रथम किश्त की राशि भी खाता में जमा नहीं हुआ होता. एक साथ जमा किए सभी लोगों में कुछ लोगों के खाते में राशि आ रही है, तो कुछ लोगों के में नहीं आ रही है. जिसके कारण किसान द्वितीय किश्त की राशि पाने के लिए पटवारी एवं नोडल अधिकारी  तथा बैंक का चक्कर लगा रहे हैं.

सुधार के लिए नहीं आ रहा है आप्शन

इस संबंध में पटवारी संघ के ब्लॉक अध्यक्ष नारायण बारिक ने बताया कि कई किसानों के मोबाईल फोन में दस्तावेज त्रुटि का मैसेज आ रहा है, लेकिन किसी तरह की त्रुटि नहीं है. त्रुटि सुधार के लिए निर्धारित तिथि तय की गई थी, वह समाप्त हो चुकी है. यदि त्रुटि सुधार का मैसेज सही होता तो पटवारियों के आई डी में उसके संशोधन के लिए भी आप्शन आना चाहिए, लेकिन वह नहीं आ रहा है. पटवारी ही इसमें त्रुटि सुधार कर सकते हैं, लेकिन आप्शन नहीं आने के कारण सुधार नहीं हो पा रहा है.

उन्होंने बताया कि जिला सहकारी बैंक के किसानों के खाता में अभी तक राशि जमा नहीं हुई है, जबकि अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों के खाता में राशि जमा हो गई है. सबसे अधिक जिला सहकारी बैंक के किसान पटवारियों का चक्कर लगा रहे हैं.




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