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इस गाँव के घरो में चिमनी जला कर खाना खा रहे है लोग.

बसना ब्लाक अंतर्गत एक गाँव 5 दिनों से अँधेरे में है. लोग चिमनियों के सहारे घरो में काम अपना काम चलाने को मजबूर है, बरसता के दिनों में घरो पर उजाले की अति आवश्यकता होती है. गृहणियों को खाना बनाने के लिए विधुत चाहिए तो विधार्थियो को पढ़ने लिखने के लिए चाहिए.

ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार बसना से 20 किलोमीटर दूर वनांचल क्षेत्र कुदारीबहरा में आज 4 दिन और 4 रात से अंधेरा छाया हुआ है, लोग परेशान है, हेंड पम्प और चिमनियों के सहारे ग्रामीण का जीवन यापन हो रहा है.

बरसात के दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों में जहरीले जीव जंतुओं का भी खतरा बना रहता है गांव ज्यादातर खेत खलिहानों के चारों ओर से घिरे होते है. ऐसे में कीड़े मकोड़े के साथ और अन्य जीव जंतुओं का भी घरो तक पहुचना सामान्य बात रहता है.

इसके अलावा रात में खाना बनाने से लेकर खाना खाते व बच्चों का पढाई लिखाई करते समय चिमनी से कैसे गुजारा होता होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.

ग्रामीणों ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से कुदारीबहारा गांव का एक ट्रांसफार्मर खराब हो गया है, विधुत विभाग द्वारा बकाया राशि 3 लाख रु को पहले जमा करने बोला जा रहा है जिसके बाद ट्रांसफार्मर लगाने की बात कही जा रही है.

ग्रामीणों द्वारा सांकरा विधुत विभाग के मुख्य अधिकारी श्री सिंह से मुलाकात करने पर बताया गया कि विधुत विभाग द्वारा ग्रामीणों को कहा गया है की जब तक बकाया बिजली विभाग का आधा राशि भुगतान नही किया जाता तब तक नया ट्रांसफार्मर नही लगाया जाएगा. गाँव में लगभग 3 लाख रु बकाया बताया जा रहा है. जिस मोहल्ले का ट्रांसफार्मर खराब हुआ है उसमे लगभग 65 घरो का विधुत बाधित बताया जा रहा है. 




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