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टीबी और टोबैको कोलैबोरेटिव एक्टिविटी की लगी संयुक्त कार्यशाला

टीबी और कैंसर जैसी बीमारियों से बचने-बचाने के विषय पर स्वास्थ्यकर्मियों को किया गया प्रशिक्षित

महासमुंद , 11 अक्टूबर 2019/ तंबाकू सेवन से कैंसर ही नहीं टीबी की बीमारी भी हो रही है। इस दिशा में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से टोबैको कोलैबोरेटिव एक्टिविटी के तहत पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण और राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण दोनों कार्यक्रम संयुक्त रूप में कार्यरत हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एसपी वारे के निर्देशन एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार के मार्गदर्शन अनुसार क्षय नियंत्रण कक्ष में संयुक्त बैठक आयोजित की गई। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के शासकीय सामाजिक कार्यकर्ता श्री असीम श्रीवास्तव एवं मनोवैज्ञानिक सलाहकार श्रीमती मेघा ताम्रकार के दल ने प्रशिक्षणार्थियों को बताया कि क्षेत्र में गुटखा व पान-मसाला चबाने वालों की संख्या अधिक है, फिर खैनी व जर्दा और तीसरे नंबर पर धूम्रपान के आदी लोग आते हैं। 

नशे की वजह से बड़ी संख्या में लोग टीबी एवं कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। रोकथाम व बचाव हेतु क्षय रोग के संभावित व ग्रसित हरेक मरीज को निःशुल्क जांच एवं सलाह लेने जिला तंबाकू नशा-मुक्ति केंद्र जरूर भेजें। आंकड़ों का स्पष्टीकरण देते हुए पुनरीक्षित क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम समन्वयक श्री उत्तम श्रीवास ने ऑडियो-विजुअल पद्धति में प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि जिले में जनवरी से सितंबर माह के बीच आठ हजार 106 संभावितों की जाँच में एक हजार 83 मरीज क्षय रोग से ग्रसित मिले। इनमें नशे की प्रवित्ति के आंकड़े और भी चैकाने वाले रहे। जहाँ, 634 मरीजों को सलाह के लिये तंबाकू नशा-मुक्ति केंद्र भेजा गया, वहाँ 126 मरीज किसी न किसी तरह के नशे की गिरफ्त में पाए गए।

इस संबंध में पूर्ण नियंत्रण हेतु शासन स्तर से निर्देशित किया गया है कि टीबी के प्रत्येक संभावित मरीज की पूरी जाँच की जाए। फेफड़े में धूम्रपान के दुःप्रभाव जांचने स्मोकरलाइजर सहित एचआईवी व मधुमेह की जाँच भी अनिवार्य रूप से की जानी है। ताकि, रोग बढ़ने के पहले ही इलाज मिल जाये और कम से कम मरीजों को को-ट्राईमाजोन, एन्टी रेट्रो वायरल, आइसो-नियाजाइट प्रिवेंटिंग जैसी थैरेपी से गुजरना पड़े। अंत में जिला क्षय अधिकारी डॉ एनके मंडपे का संदेश प्रेषित करते हुये टीबी व एचआईवी समन्वयक श्री घनश्याम देशमुख ने जिला क्षय केंद्र आकर सीबी-नॉट पद्धति में बलगम जाँच करवाने की अपील की। इस दौरान क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के चिकित्सा पर्यवेक्षक श्री विनय नाग, लैब टेक्नीशियन श्री उमेश ठाकुर सहित बड़ी संख्या में कार्यक्रम कार्यरत प्रशिक्षणार्थी उपस्थित थे।




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