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इस पेड़ से हैं लोग परेशान, नष्ट करवाने प्रशासन को लिखा पत्र

सराईपाली नगर में लगे छातिम के पेड़ पिछले दो-तीन सालों से उनमें सफेद फूल आने लगे हैं, शाम होते ही फूल के पराग कण हवा में फैलकर एक अजीब सी गंध पैदा करते हैं. जिसके चलते लोगों में उसकी बदबू से एलर्जी, सरदर्द व सर्दी की समस्या हो रही है.

बताया जाता कि छातिम का पेड़ जहरीला है, इसलिये इसके पत्ते न जानवर खाते न इस पर पक्षी अपना घर बनाते, कुछ लोग छातिम को राक्षसी पेड़ भी कहते हैं, इस पेड़ के औषधीय गुण भी है लेकिन जानकारी के आभाव में इसका सेवन प्राण ले सकता है ! छातिम को सप्तपर्ण कहा जाता है, वहीं इसका वैज्ञानिक नाम एल्सटोनिया स्कोलारिस है, इसकी सुरभि में एक तरह की निर्दयता है और वह इसलिए कि यह लोगों को बहुत बेचैन, बहुत हैरान कर देती है. जिनको इसके बारे में पता न हो, उनकी हालत कस्तूरी मृग की तरह हो जाती है और आप इधर-उधर इसकी तलाश में भटकने लगते हैं.

सितम्बर अक्टूबर में फूल लगते हैं, आप को जब छातिम के फूल की तीखी गंध आने लगे तो समझ लीजिये ठंड आ गई इस छातिम के पेड़ों की कटाई के लिए सरायपाली संदीप अग्रवाल ने एसडीएम सरायपाली, नगरपालिका सरायपाली एवं वन विभाग को पत्र लिखकर सरायपाली शहर के मुख्य मार्गो के आस-पास छातिम के पेड़ों को पूरी तरह नष्ट या पेड़ो के बढ़ते हुए डंगालो को काटे जाने की एवं गंभीरता पूर्वक आवश्यक कदम उठाने की मांग की है.




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