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हाथियों के आतंक से परेशान होकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे ग्रामीण, मामले को शांत करवाने पहुंचे जनपद अध्यक्ष ने झाड़ियों के बीच छुपकर बचाई हाथियों से अपनी जान.

पिछले 2 दिनों में हाथियों के आतंक से महासमुन्द के जंगल क्षेत्रों में 1 आदमी सहित 2 मवेशियों को मौत के घाट उतर चुके है. लगातार हो रहे इस हमले से लोग आतंक के साये में जीने को मजबूर हो चुके है.

कल जब एक 60 वर्षीय वृद्ध को हाथीयों द्वारा कुचले जाने के बाद वन विभाग और पुलिस की टीम कुकराडीह पहुँचे तो ग्रामीणों द्वारा वन विभाग के कर्मचारियक को घेर लिया गया और गांवों को हाथी मुक्त करने, प्रति एकड़ 9 हजार मुआवजा राशि तथा मृतकों के परिवार वालो को सरकारी नौकरी दिलाने की मांग को लेकर रात 9 बजे तक धरना प्रदर्शन जारी रखा.

रात करीब 9 बजे विधायक विनोद चंद्राकर, जनपद अध्यक्ष धरम दास महिलांग और डीएफओ गाँव पहुँच कर इस मामले को शांत करवाया. और घर जाते समय मामले को शांत करवाने पहुंचे जनपद अध्यक्ष धरम दास महिलांग का खुद ही हाथियों के जाल में फंस गए और झाड़ियों के बीच छुपकर उन्हें अपनी खुद की जान बचानी पड़ी.

बताया जा रहा है कि मामले को शांत करवाकर जनपद अध्यक्ष धरम दास अपने गृह ग्राम जोबा जा रहे थे, तभी समय रास्ते मे लगभग 8 हाथियों का दल आ गया. जनपद अध्यक्ष ने घटना के समय फोन लगाकर वन विभाग को इस बात की जानकारी दी लेकिन वन विभाग का अमला दूर होने के कारण वन विभाग द्वारा सेफ्टी के लिए उन्हें वाहन से नीचे नही उतरने कहा गया.

बताया जा रहा है जब हाथीयों का दल उनके वाहन के सामने आ गया तो वाहन को रिवर्स करने के चक्कर में उनकी वाहन वहां फंस गई. डर के कारण शायद वन विभाग की बात को अनदेखा कर दिया और जाकर झाड़ियों में छुप गए.  वन विभाग के अधिकारी मयंक पाण्डे ने बताया कि जनपद अध्यक्ष को ऐसा नही करना चाहिए था वाहन में रहना ज्यादा सुरक्षित था, आज सुबह उनसे मोबाइल से बात हुई है, जनपद अध्यक्ष जी अपने घर पर सुरक्षित है.




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