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हरियर मड़वा विश्व का पहला छत्तीसगढ़ी ताँका संग्रह विमोचित

बसना, " छत्तीसगढ़ में हिंदी के पहले हाइकुकार रमेश कुमार सोनी की आज ' हरियर मड़वा ' ताँका संग्रह का विमोचन करते हुए अभिभूत हूँ , यह पूरी दुनिया में छत्तीसगढ़ी का पहला ताँका संग्रह है और इसमें अब तक के किसी भाषा में प्रकाशित ताँका संग्रह से भी ज्यादा ताँका संकलित हैं । मुझे खुशी इस बात की भी है कि अब छत्तीसगढ़ी साहित्य भी विकास के क्रम पर है , यह छ ग प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन की अपनी विशेषता है जो अपनी हिंदी के साथ उर्दू और छत्तीसगढ़ी को भी बढ़ावा देने में जुटी है , इन्हें साधुवाद । जापानी साहित्य लेखन विधा के लिए प्रख्यात बसना को बधाई । उक्ताशय के उद्गार अतिथियों ने पं र शु वि वि रायपुर के भूगोल अध्ययनशाला में आयोजित कार्यक्रम के दौरान ब्यक्त किए ।

छ ग प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन रायपुर के द्वारा आयोजित ' हरियर मड़वा ' ताँका संग्रह- रमेश कुमार सोनी , बसना का विमोचन एवं कैफ़ी आज़मी की जन्म शती पर आयोजित उनकी सीने साहित्य का कोलाज़ - प्रो अनिल चौबे का कार्यक्रम रखा गया था । इसके मुख्य अतिथि - से नि जस्टिस सैयद इनामुल्लाह शाह एवं अध्यक्षता समिति के प्रदेशाध्यक्ष ललित सुरजन विशिष्ट अतिथि समिति के उपाध्यक्ष मैडम संतोष झांझी एवं पुरुषोत्तम दीवान छत्तीसगढ़िया थे । अतिथियों के स्वागत उपरांत 'हरियर मड़वा ' ताँका संग्रह का विमोचन हुआ , रमेश कुमार सोनी ने इस संग्रह की उपयोगिता , विशेषता , आवश्यकता और इसके काब्य सौंदर्य पर आधार वक्तब्य दिया , पुरुषोत्तम दीवान ने इसकी समीक्षा पढ़ी , अतिथियों ने सभा को संबोधित किया ।

यह संग्रह वैभव प्रकाशन रायपुर से प्रकाशित हुई है जिसकी भूमिका डॉ सुधीर शर्मा ने लिखी है वहीं देवेंद्र नारायण दास तथा पुरुषोत्तम दीवान की बधाई , टिप्पणी है । यह संग्रह रमेश कुमार सोनी की विवाह के पच्चीसवें वर्षगाँठ को समर्पित है यह भी अपनी तरह का एक नया रिकॉर्ड है । ज्ञात हो कि ताँका हिंदी साहित्य की एक लेखन विधा है जिसमे पाँच पंक्तियों में 5, 7,5,7,7 यानि कुल 31 अक्षर होते हैं , इसे सबसे छोटी लघुगीत की भी संज्ञा दी गयी है । अब तक इसके हिंदी में कई संग्रह प्रकाशित हो गए हैं ।

इस अवसर पर डॉ राकेश तिवारी , राजेन्द्र चांडक , डॉ उर्मिला शुक्ल , संजीव खुदशाह , डॉ थानसिंग वर्मा , डॉ दल्ला , समय लाल विवेक , अजय चंद्रवंशी , नरेंद्र कुलमित्र एवं कवर्धा , दुर्ग , राजनांदगांव सहित रायपुर की प्रबुद्ध साहित्यिकार गण बड़ी संख्या में उपस्थित थे ।

इस विमोचन पर डॉ सुधीर शर्मा , डॉ अमृत लाल पटेल ,डॉ मालती तिवारी , डॉ समरेंद्र सिंह , डॉ नीता वाजपेयी , हिमांशु भारतीय , के सी साहू , अंकुर साहित्य मंच बसना , भगत राम वधवा, आर के खरे, आर बी प्रधान ,भोल सिंह सिदार , पुरुषोत्तम पटेल , सुशील भोले एवं हिंदी साहित्य जी जापानी विधा के देश के कई प्रतिष्ठित रचनाकारों ने अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की हैं ।




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