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जंगली पशु पक्षियों का शिकार कर रहे 4 गिरफ्तार, घर की बाड़ी से मिली वन्य प्राणी

प्रतिबंध के बावजूद लोग पशु पक्षियों का शिकार करने से नहीं चूक रहे हैं. जिससे पशु पक्षियों की जान आफत में बनी हुई है. न्यायालय की रोक के बावजूद भी अवैध रूप से शिकारी कई प्रकार के हथियारों के दम पर जंगली पशु, पक्षियों का शिकार कर रहे हैं. आये दिन शिकारियों के निशाने में जानवर के आलावा इंशान भी आ रहे है. जंगलो में अवैध रूप से विधुत वायर को जंगली जानवरों के शिकार हेतु बिछाने की भी बात सामने आती रहती है.  

इन शिकारियों के बिछाये हुए जाल में जब कोई व्यक्ति फँस जाते है और जान गँवा देते है तब जाकर पता चलता है की जंगलो में ना जाने कितने बेजुबान पशु पक्षियों का शिकार किया जा रहा है. अभी 2 दिन पहले ही एक ऐसा ही मामला जिले में सामने आया था जहां जंगली जानवरों को मारने के उद्देश्य से अवैध रूप से विधुत वायर लगाया गया था, जिसके संपर्क में आकर एक ग्रामीण की मौत की खबर थी.

तो वही कल सांकरा थाना अंतर्गत माटीदरहा के जंगलों में पशु पक्षियों के शिकार करने का मामला सामने आया है वन विभाग के टीम ने दल बल के साथ शिकारी के घर में छापा मार कार्यवाही करते हुए शिकारी आरोपियों के ऊपर कार्यवाही किया गया है.

जानकारी के अनुसार सांकरा थाना अंतर्गत ग्राम माटीदरहा के जंगलों के क्रमांक 255 में अवैद्य रूप से विधुत वायर वायर लगाकर जंगली जानवरो का शिकार किया जा रहा था, माटिदरहा और उतेकेल के जंगलों में पिछले कई माह से जंगली सूअर का अवैध रूप से शिकार की खबर विभाग को मिल रही थी. इसी क्रम में मुखबिर की सुचना मिली की कक्ष क्रमांक 255 में जंगली सुअर का शिकार करने के उपरांत आरोपियों द्वारा घर में लाकर अवैध रूप से बेचने की तैयारी की जा रही है.

इस सुचना पर वन विभाग के अधिकारी दलबल सहित आरोपी के घर में दबिश दी घर की बाड़ी से सुवर का मॉस और 3 नग पिंजरे में कैद ज़िंदा तीतुर और एक नग टंगिया बिजली के तार और काँच की शीशी एवं किलो वाट सहित तराजू और एक नग पंसुल जप्त किया गया.

आरोपियों में उतेकेल के निवासी इंद्रजीत पिता लोचन 45, भोजराज पिता राम प्रसाद 33, नरेंद्र पिता उत्तर 22 मानस पिता बाबूलाल 33 शामिल है. आरोपियों पर वन्य प्राणी अधिनियम 1972 के धारा 9 के तहत कार्यवाही की जा रही है.

क्षेत्रीय लोग का कहना है कि सुबह के समय कई शिकारी जंगली सुअरों को अपना निशाना बनाते हैं और इन सबके साथ ये लोग खरगोश व अन्य पक्षियों पर भी निशाना साधते हैं जिससे जंगल में वन्य प्राणियों की जान पर खतरा तो मंडराता ही है साथ ही इनका पलायन भी इस क्षेत्र से हो रहा है. यदि इस पर गंभीरता न बरती गयी तो जंगल से जंगली जानवरों के अलावा राष्ट्रीय पक्षी समेत अन्य पक्षियों की प्रजातियां विलुप्त हो जाएंगी.

बताया जा रहा है कि शिकारी रोजाना खरगोश, जंगली सुअर व मोर, कबूतर आदि पशु पक्षियों का शिकार कर उन्हें सेवन हेतु ले जाते थे.




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