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कब्ज़ा हटाने को लेकर उपजा विवाद, आवेदक के ऊपर फर्जी एफ.आई. आर. दर्ज.

पिथौरा स्थित आदिवासी रानी विष्णुप्रिया देवी द्वारा शासन को अस्पताल हेतु दान की गयी भूमि आज अवैध कब्जो अतिक्रमण की भेट चढ़ चूका है मुख्य प्रवेश द्वार मे दोनों ओर एक ही परिवार के व्यक्तियों द्वारा अवैध कब्ज़ा किया है.

विदित हो की कौड़िया राज मे रानी विष्णुप्रिया देवी द्वारा अस्पताल का संचालन किया जाता था जिसके बाद ठाकुर गजेंद्र सिंह व समाज के द्वारा जनता की सेवा के लिए अस्पताल बनाया गया था. संन 1924 मे रानी विष्णुप्रिया देवी द्वारा शासन को लगभग 4 एकड़ 72 डिसमिल भूमि दान की गयी थी किन्तु आज सभी ज़मीन अतिक्रमणकरियों ने कब्ज़ा कर निगल ली गयी है.  

वही वर्तमान मे अंचल के एकमात्र 80 बिस्तर वाले अस्पताल के दोनों छोर मे रवि शुक्ला व परसकान्त शुक्ला द्वारा दबंगई से कब्ज़ा जमाया हुआ है , परसकान्त शुक्ला द्वारा अस्पताल परिसर के मुख्य गेट मे स्थाई कब्ज़ा कर डीपीसी कर लेंटर कराने की तैयारी मे था तब आवेदक दीपक डड़सेना द्वारा मुख्य नगरपालिका अधिकारी व राजस्व अधिकारी तहसीलदार को आवेदन देकर कब्ज़ा हटाने की मांग किया गया.

मामले की जाँच के बाद उक्त निर्माण कार्य मे स्टे लगाया गया जिसके बाद से ही अतिक्रमणधारी परसकान्त शुक्ला व रविकांत शुक्ला भतीजा राजा शुक्ला व भाई ऋषिकेश शुक्ला द्वारा आवेदक दीपक डड़सेना को धमकिया मिलने लगी, व थाने मे झूटी मारपीट की प्राथमिकी रिपोर्ट भी दर्ज कराई गयी.

आवेदक दीपक डड़सेना द्वारा बताया गया है की राजा शुक्ला व ऋषिकेश शुक्ला राजनितिक पैठ का हवाला देकर नगर मे राजस्व अधिकारिओ के ऊपर दबाव बनाते है.

प्रशासन क्यों नहीं हटा रही है कब्ज़ा

बताना लाजमी होगा की पूर्व मे भी आदिवासी समाज द्वारा कब्ज़ा हटवाने हेतु आवेदन दिया जा चूका है किन्तु बताया जाता है परसकान्त शुक्ला व भतीजा राजा शुक्ला द्वारा नगर पंचायत मे पदस्त एक पारिवारिक अधिकारी का हवाला दिया जाता है, फलस्वरूप आज भी अस्पताल परिसर मे शुक्ला द्वारा अवैध कब्ज़ा निर्माण सामग्री से पटा हुआ है.





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