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शासकीय आईटीआई में प्रवेश के लिए मांगा डोनेशन, राशि न देने पर एक माह बाद संस्था से निकाला

सरायपाली. औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र दर्राभांठा सरायपाली में फीटर कोर्स के लिए अंतरझोला के एक छात्र ने एडमिशन लिया और लगभग माह भर पढ़ाई करने के बाद उनसे डोनेशन की मांग की गई. राशि जमा नहीं करने के कारण उसको सभी दस्तावेजों को वापस कर संस्था से बाहर निकाल दिया गया. जिसकी शिकायत छात्र के पालक द्वारा कलेक्टर महासमुंद से करते हुए न्याय दिलवाने की मांग की गई है.

ग्राम अंतरझोला के दशरथ नंद ने कलेक्टर महासमुंद को लिखित आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाते हुए लिखा है कि उनका पुत्र दीपक नंद शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था सरायपाली में अध्ययन हेतु फार्म भरा था. उनके पुत्र का नाम सातवीं सूची में आठवें नंबर पर निकला था.

इसके पश्चात तात्कालीन प्राचार्य लक्ष्मीनारायण पटेल के द्वारा दीपक को काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया और आवश्यक सभी दस्तावेज जमा करने के बाद 1 अगस्त से प्रशिक्षण संस्था में पढ़ने के लिए बुलाया.

1 अगस्त से 30 अगस्त तक दीपक गांव से 20 किमी की दूरी तय कर प्रतिदिन अध्ययन के लिए पहुंचता था और संस्था में भी कक्षा की उपस्थिति पंजी में उनका हाजिरी लिया जा रहा था. इसके अलावा प्रायोगिक कार्य भी करवाया जाता था.

इसी बीच प्राचार्य का स्थानांतरण होने एवं नए प्राचार्य आने के बाद छात्र दीपक नंद को उसका नाम प्रवेश सूची में नहीं होने की बात कहते हुए उसके पिता के साथ कार्यालय बुलाया गया. उसके पिता ने प्राचार्य को बताया कि सभी फीस देने एवं एडमिशन लेने के बाद ही दीपक को अध्ययन के लिए इस संस्था में भेजा गया था.

गणवेश, पुस्तक एवं अध्ययन संबंधी समान भी उसने खरीद लिया था. दशरथ नंद ने नवभारत को बताया कि उनके द्वारा एडमिशन फीस भी अदा की गई थी. उसके अलावा पुस्तक के लिए 1000 रूपए एवं अन्य अध्ययन संबंधी कार्यों के लिए भी उनके द्वारा राशि दी गई थी. लेकिन आईटीआई की ओर से उन्हें रसीद प्राप्त नहीं हुआ था.

उन्होंने बताया कि सहायक ग्रेड 3 में पदस्थ श्री खान के द्वारा उन्हें कम प्रतिशत होने के कारण एडमिशन नहीं होने की बात कहते हुए 10 हजार रूपए की मांग की गई. लेकिन उनके द्वारा भारी भरकम राशि जमा नहीं कर पाने के कारण वर्तमान प्राचार्य के द्वारा एक माह की पढ़ाई के बाद उसके सभी दस्तावेज वापस देकर निकाल दिया गया है. आगे उन्होने बताया कि श्री खान के द्वारा प्रतिभा आईटीआई में एडमिशन करवा देने एवं आधा राशि स्वयं देने की बात कहते हुए दीपक को प्रतिभा आईटीआई भी ले गए थे.

लेकिन तिथि निकल जाने के कारण उनका एडमिशन नहीं हो सका. एडमिशन नहीं होने के कारण दीपक के एक वर्ष की पढ़ाई भी रूक गई.

इस संबंध में आईटीआई के प्राचार्य सुरेन्द्र कुमार से पूछे जाने पर बताया कि उसे एडमिशन नहीं मिला है, बिना एडमिशन लिए ही वह प्रशिक्षण संस्था में आ रहा था. जबकि रसीद खान सहायक ग्रेड-3 से पूछे जाने पर बताया कि उक्त लड़के का बहुत कम प्रतिशत है, इसलिए उसका एडमिशन नहीं हुआ है और न ही उनका हाजिरी चढ़ा है. उनके द्वारा पैसे मांगने संबंधी झूठा आरोप लगाया जा रहा है.




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