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दूसरे दिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने देखी नवजीवन ऑडिट की बारीकियां

निरीक्षण फॉलोअपः- सीधे पीड़ित के द्वार पहुंच कर जानी वास्तविक स्थिति।

"विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों ने जिला स्तरीय अमले के साथ ग्रामीण अंचालों में मौके पर जाकर किया डेथ ऑडिट। साथ ही इसकी आवश्यकता, महत्व व क्रियान्वयन प्रकिया के संबंध में विस्तारपूवर्क जानकारी ली"

महासमुंद। कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन की पहल नवजीवन आगामी समय में मॉडल के रूप में देश के अन्य राज्यों में भी शुरू की जा सकती है। इसके लिए राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय स्तर पर पथ प्रदर्शक के रूप में उभरे इस अभियान में लगातार शोध और निरीक्षण का दौर जारी है।

इस क्रम में शुक्रवार से आये विषय विशेषज्ञों के दल में विश्व स्वास्थ्य संगठन की केंद्रीय सलाहकार सुश्री आत्रेयी गांगुली सहित अन्य अधिकारियों ने शनिवार के दिन ग्रामीण अंचल में गांव-गांव जाकर जमीनी स्तर पर बारीकियां समझीं। मुख्य रूप से अभियान को और बेहतर करने के लिए उठाए जा रहे नवीन कदम में डेथ ऑडिट रिपोर्ट पर ध्यान केंद्रित किया गया। नाम गोपनीय रखने की शर्त पर अधिकारिक सूत्रों द्वारा बताया गया कि ग्राम तुमडबरी के एक घर में आत्महत्या प्रकरण का ऑडिट किया गया। यहां यह जानने का प्रयास किया गया कि कब व किन परिस्थितियों में पीड़ित द्वारा आत्मघाती कदम उठाया गया था और इसके पीछे के कारक कौंन थे। आगे इस तरह की अप्रिय घटनाएं रोकने के लिए गहराई में जाकर जानकारी अंकित की गई।

विदित हो कि अभियान नवजीवन में जिले के समस्त विकासखंड़ों में टीम बना कर नियमित रूप से डेथ ऑडिट किया जा रहा है। जिसकी समीक्षा जिला स्तर पर की जाती है। इन रिपोर्टस के आधार पर अभियान की आगामी रूप रेखा तय की जाएगी।

इस दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन के निरीक्षण अमले के साथ गैर संचारी रोग की राज्य सलाहकार सुश्री सुमी जैन, जिला कार्यक्रम प्रबंधक व नोडल अधिकारी नवजीवन श्री सदीप ताम्रकार, जिला नोडल अधिकारी डॉ अनिरुद्ध कसार, जिला सलाहकार सुश्री अदीबा बट्ट एवं तहसीलदार श्री मूलचंद चोपड़ा, विकासखंड कार्यक्रम प्रबंधक श्री सुरेंद्र चंद्राकर, सहायक चिकित्सा अधिकारी प्रवीण साहू व श्री दीपक तिवारी सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।




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