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किसानों को साल भर बाद भी नहीं मिला है साढ़े तीन लाख बारदाना का भुगतान.

सरायपाली. विगत वर्ष धान खरीदी के अंतिम चरणों में बारदाना की कमी के कारण किसानों को निर्देश दिया गया था कि वे स्वयं के बारदाना से धान भरकर खरीदी केन्द्र पहुंचे, तभी उनके धान की खरीदी की जाएगी. किसानों ने निर्देश का पालन करते हुए स्वयं के बारदाना से धान बेचे, लेकिन धान बेचने के साल भर बाद भी न तो उन्हें बारदाना के बदले बारदाना मिला है और न ही उसके स्थान पर राशि दी गई है.

जिससे आगामी दिनों में होने वाले धान खरीदी में किसान मण्डी तक धान लेने को लेकर असमंजस में पड़ गए हैं. जानकारी अनुसार सरायपाली जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में 7 समितियाँ नूनपानी, नवरंगपुर, रिसेकेला, सरायपाली, भोथलडीह, चिवराकुटा और रूढ़ा आते हैं, जिनके अंतर्गत 14 खरीदी केन्द्र आते हैं.

इन खरीदी केन्द्रों में से जम्हारी में किसानों द्वारा स्वयं के बारदाने से 27006 पैकेट धान, अमरकोट में 11905, नवरंगपुर में 6028, बोंदा में 5633, केदुवाँ में 18240, नवागढ़ में 21244, सरायपाली में 17841, कनकेवा में 5670, भोथलडीह में 19241, पुटका में 26203, चिवराकुटा में 25076, सागरपाली में 28531, मल्दामाल में 18375, तिहारीपाली में 21155 पैकेट धान बेचा गया था. इस तरह कुल 2 लाख 30 हजार 993 बारदाना किसानों के द्वारा स्वयं दिया गया था.

इसी प्रकार जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक तोरेसिंहा अंतर्गत 6 समिति केजुवाँ, केना, तोरेसिंहा, तोषगाँव, कोटद्वारी व कुसमीसरार आते हैं. इसके अंतर्गत धान खरीदी केन्द्र जोगनीपाली में किसानों ने 4739, केना में 3077, बेलमुण्डी में 15024, सेमलिया में 17436, सिरबोड़ा में 7126, बलौदा में 44244, जगलबेड़ा में 15595, तोरेसिंहा में 5358 एवं तोषगाँव में 11267 पैकेट धान स्वयं के बारदाने में बेचा था.  इस तरह कुल 1लाख 23 हजार 866 बारदानों में फड़ प्रभारियों द्वारा किसानों खरीदी किया गया है.

धान खरीदी के पूर्व बारदाना की राशि या उसके बदले बारदाना उपलब्ध करवाने की मांग को लेकर किसान खरीदी केन्द्रों में पहुँच रहे हैं. किसान बारदाना या राशि मिलने की आस में स्वयं के बारदाना से धान बेचे थे. फड़ प्रभारियों द्वारा भी विगत दिनों हुए मीटिंग में इस मुद्दा को उठाया गया था और सप्ताह भर के भीतर किसानों को बारदाना या राशि दिए जाने का भी आश्वासन उच्चाधिकारियों द्वारा दी गई है.

यदि किसानों को धान खरीदी के पूर्व बारदाना उपलब्ध नहीं हो पाया तो उन्हें घर, ब्यारा एवं खेत में रखे धान को मण्डी पहुँचाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा. जिनके यहाँ ट्रेक्टर उपलब्ध है, उन्हें भी कई बार धान को घर से फड़ लेने में आना-जाना पड़ेगा, जिससे समय एवं पैसे का नुकसान होगा.




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