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यहाँ के शिक्षाकर्मियों का क्रमोन्नत वेतनमान देने का आदेश जारी कर किया गया रद्द, होगी वसूली

प्रदेश के शिक्षाकर्मियों को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है और इस बार यह झटका जांजगीर -चांपा के उन शिक्षाकर्मियों को लगा है जिन्हें कुछ ही दिनों पहले आदेश जारी करके क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ दिया गया और इसके बाद से ही शिक्षाकर्मियों में खुशी की लहर छा गई थी लेकिन यह खुशी आज उस समय काफूर हो गई जब एक आदेश सामने निकल कर आया और वही हुआ जो होना पहले से तय था यानी ठीक दंतेवाड़ा की तर्ज पर आनन-फानन में जारी किए गए आदेश को रद्द करते हुए विकास खंड शिक्षा अधिकारी जैजैपुर ने एक कदम और आगे बढ़ाते हुए उप कोषालय को पत्र जारी करते हुए अधिक भुगतान की वसूली को कहा है ।

यही हाल दंतेवाड़ा में भी हुआ था और वहां भी जनपद सीईओ ने बिना हाईकोर्ट के निर्णय का ढंग से अध्ययन किए बिना हाईकोर्ट से क्रमोन्नत वेतनमान दिए जाने का आदेश समझकर क्रमोन्नत वेतनमान देने का आदेश जारी कर दिया था और फिर आनन-फानन में उसे रद्द किया गया था ऐसा ही कुछ जैजैपुर में भी हुआ और यहां भी जनपद सीईओ ने आदेश जारी कर दिया और इसके बाद विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने भी बढ़े हुए वेतन का भुगतान तक कर दिया । सोशल मीडिया में जैसे ही यह सारी जानकारी वायरल हुई वैसे ही मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आया और फिर आनन-फानन में विकासखंड शिक्षा अधिकारी को अपने ही आदेश को निरस्त करते हुए वसूली का पत्र जारी करना पड़ गया ।

दरअसल क्रमोन्नत वेतनमान का पूरा पेंच उन शिक्षाकर्मी नेताओं के इर्द-गिर्द फंसा हुआ है जो इसकी आड़ में जमकर राजनीति कर रहे हैं और अपने ही शिक्षाकर्मी साथियों को गुमराह कर रहे हैं । विभाग के कई आदेशों से यह एकदम स्पष्ट हो चुका है की शिक्षा विभाग शिक्षाकर्मियों के संविलियन होने की तिथि से उनकी सर्विस की गणना कर रहा है और ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग के फिलहाल क्रमोन्नत वेतनमान देने के कोई आसार ही नही है और अगले 10 साल के बाद ही क्रमोन्नत वेतनमान शिक्षक एलबी संवर्ग को मिलेगा इधर पंचायत विभाग 2011 में जारी किए गए अपने क्रमोन्नत वेतनमान के आदेश को 2013 में निरस्त कर चुका है इसके चलते शिक्षाकर्मियों को पंचायत विभाग से भी लाभ नहीं मिल सकता , लाभ मिलने के लिए उस दौर के क्रमोन्नत आदेश को फिर से लागू करना पड़ेगा जो अब पंचायत विभाग करने से रहा।

इसका सीधा सा मतलब है कि यदि सरकार इस विषय पर कोई सीधा निर्णय लेते हुए नया आदेश जारी करती है और भूतलक्षी प्रभाव से शिक्षाकर्मियों को पंचायत विभाग की सर्विस के दौरान क्रमोन्नत वेतनमान देने का आदेश जारी करती है तभी जाकर शिक्षाकर्मियों को क्रमोन्नत वेतनमान मिल सकता है अन्यथा किसी कीमत पर नहीं ।

दरअसल प्रदेश में शिक्षाकर्मियों के बीच क्रमोन्नत वेतनमान एक बड़ा मुद्दा है और ऐसे में अलग-अलग संगठन इसे समय-समय पर भुनाते आ रहे हैं। एक संगठन ने जहां क्रमोन्नत फॉर्म भरवाने के नाम पर जमकर चंदा वसूली की वहीं अब कुछ लोग सामने आकर न्यायालय में याचिका दायर करने के नाम पर ऐसे ही काम में जुट गए हैं जबकि अब तक सैकड़ों याचिकाएं उच्च न्यायालय में क्रमोन्नति के लिए दायर हो चुकी है और सभी में एक ही आदेश आया है कि याचिकाकर्ता विभाग के समक्ष अपना अभ्यावेदन प्रस्तुत करें और इस अभ्यावेदन को भी विभाग द्वारा रिजेक्ट किया जा चुका है ऐसे में शिक्षाकर्मी कहीं न कहीं अपने ही लोगों के द्वारा ठगे जा रहे हैं और हर बार थोड़ी देर के लिए मिलने वाली खुशी बाद में उन्हें तोड़ देने वाले गम के रूप में नसीब हो रही है ।




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