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वाहन तलाशी के दौरान वनपरिक्षेत्र के कर्मचारियों को डिक्की से मिले 3 मृत हिरण, कार सहित 1 आरोपी धर दबोचे गए 2 फरार संदेह के आधार पर 1 ब्यक्ति को पकड़ा गया.

आज बारनवापारा अभ्यारण्य में देवपुर वनपरिक्षेत्र के कर्मचारियों द्वारा रात्रि गस्त के दौरान पकरिद से बार मार्ग पर कक्ष क्रमांक 163 हरदी बीट के समीप कार को देखकर तलाशी लिया गया, जिसमे कार की डिक्की में 1 नर हिरन, 1 मादा और एक हिरन का बच्चा मृत हालात में बोरी में रखा पाया गया.

इस ले जाते हुए नरेंद्र पटेल ग्राम नादबारु जिला महासमुन्द को धर दबोचा गया, इसके अलावा कुछ ही दूरी पर दो ब्यक्ति खड़े थे,  जिन्हें पकड़ने की कोशिश किया गया किन्तु अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले. जानवरो का पोस्टमार्टम किया गया जिसमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली का छर्रा मिला जिससे ये जानवर घायल हुए और हलाल किया गया जो मौत होने का कारण बना.

दो आरोपियों के वन विभाग के कर्मचारियों को चकमा देकर भाग निकलने से साफ जाहिर होता है कि पूर्व में भी इन शिकारियों के द्वारा शिकार किया गया होगा, क्योकि बार और देवपुर रेंज के कर्मचारियों की उपस्थिति में भी इस जंगल से भागना मतलब शिकारी को जंगल का चप्पे चप्पे से वाकिफ होना है.

निश्चित ही बार वन विभाग के कर्मचारियों को बहुत बड़ी सफलता हासिल है, सराहनीय कार्य किये है, लेकिन इसके पूर्व की बात करे तो पूर्व में बार परिक्षेत्र के अकलतरा में पदस्थ टी0पी0 साहू तत्कालीन डिप्टी रेंजर को 1109 वाहन के साथ लकड़ी तस्करी करते पकड़ा गया. देवपुर वनपरिक्षेत्र के भागीरथी सोनवानी को डिप्टी रेंजर को भी लकड़ी तस्करी करते हुए पकड़ा जाना, और फिर जानवरो का शिकार में भी वनविकास निगम के डिप्टी रेंजर का होना वन विभाग के कर्मचारियों के कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाना लाजमी बनता है.

इसी तरह बार नयापारा के ढेबी में एक किसान के द्वारा कई एकड़ सेंचुरी जंगल को इसी तरह बार काटकर खेती लायक बना दिया जाना, जब अधिकारी कर्मचारी को मालूम चलता है, तब तक कई साल पुराने पेड़ कट चुके होते है, तो ये बात साफ जाहिर होता की वन विभागीय कर्मचारी का साठ-गांठ जरूर है.

शिकार में प्रयुक्त कार और कार का मालिक आरोपी नरेंद्र पटेल और एक संदिग्ध इम्तियाज़ पिता असलम ग्राम सिनोधा से पूछताछ की जा रही है, 2 फरार आरोपी की तलाश जारी है.

इस कार्यवाही में बार उपवनमंडलाधिकारी आर0 एस0 मिश्रा,के निर्देशन में रेंजर कृषाणु चंद्राकर,उपवन क्षेत्रपाल पी0 के0 सिन्हा, मोबिया खान,सालिकराम डड़सेना,सुरेंद्र सिदार,बसन्त खांडेकर,नेहरू निषाद,अमिताभ बंजारे दोनो परिक्षेत्र के कर्मचारियों और अधिकारियों का योगदान रहा.




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