तंबाकू नशा उन्मूलन कार्यशाला में चला वाद-विवाद का दौर, संतुष्ट होकर बच्चों वॉलेंटियर्स बनने पर दी सहमति
समय था राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एनटीसीपी) की कार्यशाला का। जहां, पहले से जागरूक बच्चों ने तम्बाकू छुड़वाने के लिए किए स्तरीय सवाल।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वाथ्य अधिकारी डॉ एसपी
वारे के निर्देशन एवं
जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री संदीप ताम्रकार के मार्गदर्शन में हुई इस कार्यशाला में शासकीय
सामाजिक कार्यकर्ता असीम श्रीवास्तव एवं मनोवैज्ञानिक सलाहकार श्रीमती मेघा ताम्रकार के संयुक्त दल ने
केंद्रीय विद्यालय
महासमुंद के बच्चों की जिज्ञासा शांत की। तम्बाकू नशा मुक्ति के विषय पर लगी इस कक्षा में वाद-विवाद
प्रतियोगिता का दौर चला, जिसमें बच्चों
ने पूछा कि जब तम्बाकू बुरी है, तो बिकती क्यों है और इस पर तत्काल प्रतिबद्ध क्यों नहीं लगा दिया जाता। जिला तम्बाकू नशा-मुक्ति केंद्र
दल के सदस्यों ने उन्हें बताया कि नशे के आदी
लोगों के विथड्रोल सिम्टम्स व कुछ अन्य समस्याओं के चलते एकदम से प्रतिबंध लगाना संभव नहीं हो पाता है।
इसलिए सरकार ने इस दिशा में राष्ट्रीय तंबाकू
नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत
सरकार द्वारा 11वीं पंचवर्षीय
योजना के तहत वर्ष 2007-08 से तम्बाकू के उपयोग के नुकसानदायक प्रभावों तथा तम्बाकू नियंत्रण कानूनों के बारे में
व्यापक जागरूकता लाई जा रही है।
अंतिम चरण में प्रतियोगिता में विजयी रहे
छात्र-छात्राओं को तम्बाकू के दुष्परिणाम बताकर नशा उन्मूलन के
तौर-तरीके सिखलाए गए। प्रतियोगिता में विजयी रहे प्रतिभागियों में कु.
वैष्णवी ताम्रकार सहित कुल 06 विद्यार्थियों को पुरस्कृत कर अभियान में बतौर
एन्टी टोबैको वोलेंटियर शामिल लिया गया। इस दौरान पुलिस बालमित्र सुश्री
रोशन डेविड सहित प्राचार्य का योगदान उल्लेखनीय रहा।