चीतल के अवैध शिकार प्रकरण दो लोगों को भेजा गया जेल, एक ने किया सरेंडर
बारनवापारा
अभ्यारण्य में हुए चीतल के अवैध शिकार प्रकरण क्रमांक 1986/19 दिनांक 08/12/2019 को दर्ज के संबंध में 2 लोग नरेंद्र पटेल ग्राम नंदबारु(सिरपुर) एवं इम्तियाज खान ग्राम सिनोधा को
न्यायालय में प्रस्तुत कर जेल दाखिला कराया गया है.
उक्त दोनों
व्यक्तियों से पूछताछ किये जाने पर ग्राम सिनोधा के तीन अन्य अभियुक्तों के नाम
सामने आए थे जिनके घर की तलाशी के लिए महासमुंद उपवनमंडलाधिकारी श्री एस. एस .
नाविक के द्वारा सर्च वारंट जारी किया गया था, जिसमे महासमुंद
वनपरिक्षेत्र एवं बारनवापारा अभयारण्य के संयुक्त टीम द्वारा सिनोधा गांव के तीन
संदिग्ध व्यक्तियों के घर मे तलाशी की कार्यवाही कर निम्नानुसार जब्ती की
कार्यवाही की गई-
1. ताज खान (ग्राम सिनोधा) से कारतूस के खोखे एवं गोली के छर्रे (जैसे प्रकरण में प्रयुक्त हुए गोली के छर्रे के समान).
2. अरशद खान (ग्राम सिनोधा)- एक एयर रायफल एवं एक रायफल , एवं एक चीतल के सींग।
3. इलियास खान (ग्राम सिनोधा)- एक नग कस्टमाइज्ड बंदूक एवं अन्य बंदूक की नालियां एवं बट, चीतल के एक जोड़ी सिंग, जी. आई. तार एक बंडल, दो पुराने चाकू ।
ग्राम सिनोधा अति संवेदनशील क्षेत्र होने के बावजूद भी तीन घरों में सफलतापूर्वक संयुक्त टीम के द्वारा कार्यवाही की गई है, मौके पर टीम में उपवनमंडलाधिकारी श्री एस. एस. नाविक , अधीक्षक बारनवापारा श्री आर. एस. मिश्रा, बार परिक्षेत्र अधिकारी कृशानु चंद्राकर, महासमुंद परिक्षेत्र अधिकारी श्री मोहन दास मानिकपुरी , श्री पवन सिन्हा , श्री मो. माविया खान, डॉ. अनीश कुमार सोनवानी, श्री सुरेंद्र सिदार, देवपुर परिक्षेत्र के अजीत कुमार ध्रुव एवं शोभा वर्ती एवं वन विभाग के महिला वनकर्मी एवं अन्य वनकर्मी एवं पुलिस थाना पटेवा के पुलिस बल की सहायता से कार्यवाही सम्पन्न की गई.
वहीं कार्यवाही के बाद कुछ आरोपी दहशत में आकर खुद सरेंडर कर रहे है, हरबंस ध्रुव पिता नीलकंठ ध्रुव उम्र 27 वर्ष, मुकाम फुसरडीह जिला महासमुन्द ने स्वम् चौकी सिरपुर जाकर चौकी प्रभारी के समक्ष अपना गुनाह कबूल करते हुए बताया कि साहब मैं भी चीतल के शिकार में शामिल था मुझे गिरफ्तार कर लो, जिसके बाद चौकी प्रभारी ने बार रेंजर को सूचना देकर आरोपी को सुपुर्द कर दिया गया, इससे साफ जाहिर होता है कि आरोपी श्री नाविक एस डी ओ और बार एस डी ओ के सयुक्त कार्यवाही से आरोपियों में इतना दहशत है कि अपना गुनाह कबूल करने स्वम् थाने पहुच रहे है.