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नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी कार्यो के संबंध में रखी गई कार्यशाला सम्पन्न, कलेक्टर ने दिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश

महासमुन्द 17 जनवरी 2020/ सुराजी गांव नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजनांतर्गत जिला पंचायत महासमुन्द के सभाकक्ष में आज कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन की उपस्थिति में कार्यशाला का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ रवि मित्तल, राज्य कार्यालय से श्री दिनेश सिंग प्रोग्राम मैनेजर समर्थन एवं श्री परसनाथ यादव तकनीकी विशेषज्ञ स्मार्ट चैरीटेबल ट्रस्ट जिला स्तरीय, विकासखण्ड स्तरीय, वन विभाग, जल संसाधन विभाग, कृषि विभाग (पीएमकेएसवाय वाटरशेड), लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

कार्यशाला में नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी कार्यो के विभिन्न पहलुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। राज्य स्तर से आए अधिकारियों द्वारा योजना के संचालन संबंधी आवश्यक दिशा-निर्देश पीपीटी के माध्यम से प्रदान किया गया।

कलेक्टर श्री जैन ने वन विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग द्वारा चयनित 50 नालों में जिनमें वन क्षेत्र के नाले आ रहे हैं, उनका डीपीआर विभाग के साथ समन्वय कर तैयार कर कार्यो की स्वीकृति मनरेगा से प्राप्त कर पूर्ण कराए। तथा पानी के बहाव के अनुसार नाले के ऊपरी हिस्से को प्राथमिकता पर उपचार करें ताकि नाले के नीचे हिस्से को उपचार करते हुए अधिक से अधिक किसानों को सिंचाई सुविधा हेतु जल की उपलब्धता कराई जा सके। तैयार किए जा रहे डीपीआर को दो वित्तीय वर्षो में विभाजित कर आदर्श आचार संहिता उपरांत कार्यो की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त कर कार्यो को पूर्ण कराया जाए एवं ऐसे क्षेत्र जहॉ नगरपालिका/नगर पंचायत आ रहा हो, उन्हें भी डीपीआर में शामिल करें, जिसकी स्वीकृति अन्य मद से प्रदाय की जाएगी।

साथ ही कार्यपालन अभियंता जल संसाधन विभाग को डीपीआर का परीक्षण कर तकनीकी सुधार करने को कहा। ऐसे क्षेत्र जहॉ की जमीन रेतीली है एवं जमीन के अंदर से पानी बह जाता है, ऐसे स्थलों पर आवश्यकतानुरूप अन्डरग्राउण्ड डाईक्स को प्राथमिकता पर लें। ग्रामीणों की सहभागिता के संबंध में कहा गया कि आस-पास के किसानों से चर्चा कर नालों की स्थिति पता करके ही कार्यो को कराया जाए।

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. रवि मित्तल द्वारा सभी तकनीकी अमलों को कार्यपालन अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के तकनीकी सहयोग से समस्त डीपीआर को एक सप्ताह में पूर्ण कराकर आचार संहिता उपरांत कार्य प्रारंभ कराने को कहा।





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