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7 सालो से जमीन के नामातंरण और किसान किताब के लिए बसना तहसील के चक्कर काट रहा मजबूर किसान....

लगभग 7 साल वर्ष 2013 में पहले आवेदक धर्मांनन्द जदु निवासी नवागांव पोस्ट गेनेकेरा ने नित्यानंद प्रधान ग्राम हबेकाटा बसना से पंजीकृत बैनामा रजिस्ट्री के माध्यम से भूमि क्रय किया था. भूमि को खरीदने के बाद प्रमाणीकरण और नामांतरण के लिए समस्त औपचारिकता नामातंरण कार्यवाही कर नया ऋण पुस्तिका हेतु दस्तावेज प्रस्तुत किया गया था.

धर्मानन्द ने बताया कि उसके पिता और चाचा ने उक्त भूमि के नामांतरण प्रमाणीकरण और नए ऋण पुस्तिका और किसान किताब के लिए राजस्व विभाग में आवेदन लगाये थे, जिसमे आवेदकों द्वारा सभी आवश्यक कागजातों को फाइलों में जमीन बिक्री करने वाले सम्बन्धित व्यक्तियों और गवाहों का दस्तखत हो चुका था. लेकिन इन 6 सालो में धर्मानन्द के एक फाइल को तहसील विभाग के कर्मचारियों द्वारा गुमा दिया गया और अब तक उसका काम नहीं हो पाया.

धर्मानन्द ने बताया कि लगभग 5 वर्ष पहले राजस्व अधिकारी और तहसील के बाबू के साथ कुछ कही सुनी हो गई थी और तब से धर्मांन्द और उसके परिवार के ख़रीदे हुए भूमि का नामातंरण किसान किताब का कार्य अटका हुआ है.

धर्मांनन्द के अनुसार उस समय के तहसीलदार और बाबू किसान किताब के लिए उससे पैसों की मांग की जा रही था, जिसके बाद रकम नही देने जाने के कारण जबरन कार्य को रूकवाया गया जिसे लेकर धर्मांनन्द का तहसीलदार और बाबू के साथ 2 कहासुनी हो गया.

इसके बाद धर्मांनन्द ने 2013 में कलेक्टर जनदर्शन में भी इसे लेकर आवेदन दिया. जिसके बाद तत्कालीन कलेक्टर महोदय के द्वारा दिशा निर्देश दिया गया की नामातंरण के कार्य को जल्द पूरा करे फिर भी उस समय के तत्कालीन तहसीलदार द्वारा आवेदक को बड़ी शिकायत करता है अब तेरा कार्य नही होगा बोलकर पेशी में 5 साल तक घुमाते रहे.

धर्मांनन्द ने बताया कि अभी वर्तमान में तहसील आफिस के जिम्मेदार कर्मचारियों द्वारा एक फाइल को गुमा दिया गया है, उस प्रक्रिया को दोबारा करने तहसील आफिस के अधिकारियों द्वारा मजबूर किया जा रहा है जबकि सम्बन्धित लोगों में एक गवाह का मृत्यु हो चुका है दूसरा आदमी जो जमीन बेचा है बुड्ढा होकर थक चुका है. जिसके कारण उसे मानसिक पीड़ा उठाना पड़ रहा है.  आवेदक धर्मानन्द का कहना है की पता नही वह जिससे जमीन खरीदे है वह आदमी भी कब स्वर्ग सिधार जाए इसके बाद धर्मनाद के नाम वह भूमि अभी नामातंरण नही हो पाएगा.

जिसके चलते परेशान किसान ने आत्मदाह करने के लिए एक आवेदन थाना प्रभारी बसना को यह कहते हुए थमा दिया कि उसे अब न्याय की कोई उम्मीद नहीं है, जिसके चलते वह आत्महत्या करने को मजबूर है.  वहीं थाना प्रभारी द्वारा धर्मांन्द को राजस्व का मामला होने के कारण कलेक्टर के पास जाकर शिकायत करने बोला.




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