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भानुप्रतापदेव महाविद्यालय में नहीं हुआ राज्यकीय गीत का सम्मान,

कांकेर जिले के सबसे बड़े भानुप्रतापदेव महाविद्यालय में विद्यार्थी द्वारा गीत गायन के दौरान राज्यकीय गीत गाया गया पर इस दौरान अतिथियों व प्राचार्य के साथ सारे प्राध्यापक अपने सीट में आराम से बैठे नजर आएं तो अथितियों के पीछे बैठे विद्यार्थी अपने मोबाईल से सेल्फी लेते नजर आए। राज्यगीत के सम्मान में पीछे कुछ लड़कियां खड़ी हुई तो उनके आगे पीछे विद्यार्थी हसने लगे थे।

छत्तीसगढ़ के प्रदेश सरकार द्वारा अरपा पैरा के धार गीत को राज्यकीय गीत घोषित किए है, जिसके कार्यक्रमों के शुरूवात में राज्यकीय गीत को गाने के लिए कहा गया व इसका हृदय से सम्मान करते हुए खड़े होने के लिए कहा पर भानुप्रतापदेव महाविद्यालय में वार्षिकोत्सव के दौरान अतिथियों के स्वागत, भाषण व आभार के बाद सास्कृतिक कार्यक्रम के शुरूवाद में भगवान दास व उसके साथी द्वारा अरपा पैरी के धार गीत को गाया गया पर इस दौरान कांग्रेस के विद्यालय कार्यक्रम में पहुंचे अतिथि, प्राचार्य व सभी प्राध्यापकों के साथ आधे से ज्यादा विद्यार्थी अपने सीट पर आराम से बैठे हुए थे।

गीत के दौरान पीछे कुछ लड़कियां सम्मान में खड़ी हुई थी पर बाकी विद्याथियों द्वारा इनकी सहयोग करने की जगह पर इनके ऊपर हसा जा रहा था, जो राज्यगीत के अपमान करना प्रतीत होता है।




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