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देश के कई ऐसी जगह, जहां बेटियों को आज भी समझा जाता है बोझ : हर्षिता पांडेय

रायपुर:- महिला एवं बाल विकास आयोग एवं नव सृजन मंच छत्तीसगढ़ द्वारा बुधवार को बिटिया जन्मोत्सव कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में नन्ही बच्चियों और उनकी माता का सम्मान किया गया। साथ ही इस अवसर पर सबसे महत्वपूर्ण यह था कि सभी बच्चियों के साथ उनका पूरा परिवार भी मौजूद थे।  इस आयोजन में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष हर्षिता पाण्डेय और बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष प्रभा दुबे मौजूद थी।  

हर्षिता पाण्डेय ने कहा कि देश के आज भी कई ऐसी जगह है, जहां लड़कियों को बोझ समझा जाता है। आज भी भ्रूण-हत्या पूरी तरह देश में बंद नहीं हुआ है। आज भी देश में बेटियों की कमी लगातार बनी हुई है, जबकि हमारे देश की बेटियां लड़कों से कदम से कदम मिला कर चलने में सक्षम है। आपको बता दें कि देश में लगातार बढ़ रहे लिंगानुपात और बालिकाओं के लिए समाज में सकारात्मक सोच फैलाने के लिए साल 2014 में 1 एक अप्रैल को रमन सरकार द्वारा बच्चियों के लिए नोनी सुरक्षा योजना की शुरुआत की थी। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह था कि जिसके भी घर बेटी हो उसे बोझ न समझा जाए।  इस योजना के तहत पंजीकृत लड़कियों की यदि 18 वर्ष की आयु तक विवाह नहीं किया जाता, साथ ही जो लडकियां 12वीं तक की पढ़ाई करेंगी और उन्हें वित्तीय संस्थान द्वारा एक लाख रुपए दिए जाएंगे।




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