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विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा “स्टेचू ऑफ़ यूनिटी” 3 साल बाद होगी दूसरे नंबर पर

कल पीएम मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की 143वीं जयंती पर दुनिया में सबसे ऊंची उनकी प्रतिमा 'स्टैचू ऑफ यूनिटी' का उद्घाटन किया. मोदी ने इस मौके पर पटेल के दिखाए रास्ते पर चलते रहने का आह्वान किया और 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के लिए 'देश की एकता, जिंदाबाद' का नारा लगाया.
गुजरात के केवडिया में बनी देश के पहले उप-प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा दुनियां की सबसे ऊँची प्रतिमा है. इसकी ऊँचाई 182 मीटर है. इस प्रतिमा को बनानें में लगभग 2990 करोड़ रूपये का खर्च आया है. सरदार सरोवर बांध पर इस प्रतिमा का निर्माण किया गया है.

3 साल बाद यह दुनियां की दूसरी सबसे ऊँची प्रतिमा बन जयेगी
स्टेचू ऑफ़ यूनिटी विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा है लेकिन यह रिकॉर्ड केवल 3 साल तक ही रहेगा क्योंकि इससे भी ऊँची प्रतिमा के निर्माण की कवायद शुरू हो गयी है, यह क्षत्रपति शिवाजी का स्मारक होगा. जिसकी ऊँचाई 212 मीटर होगी. समझा जा रहा है की यह तीन साल में बनकर तैयार हो जायेगा.
इसका निर्माण मुंबई के समुंदरी तट पर किया जा रहा है. 24 दिसंबर 2016
को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ही मुंबई में अरब सागर में बनने वाले शिवाजी स्मारक की नींव रखी थी.


स्मारक तक पहुँचने के चार रास्ते होंगे  
शिवाजी स्मारक पर्यटकों के लिए बनाया जा रहा है. पर्यटक शिवाजी स्मारक तक गेटवे ऑफ़ इंडिया, नरीमन पॉइंट, सागर संगम और कोलाबा रेडियो क्लब से पहुँच सकेंगे.




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