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ठण्ड का भी चुनावी प्रत्याशियों पर नहीं पड़ रहा है असर, रात में भी हो रही हैं जनसभाएं

सरायपाली. दीपावली समाप्ति के बाद चुनावी रंग क्षेत्र में दिखने लगा है और प्रत्याशी प्रतिदिन लगभग 20 से 30 गांवों में जाकर जनसभाएं ले रहे हैं. सुबह से लेकर रात के 10 बजे तक गांव-गांव में सभाएं चल रही है. विगत सप्ताह भर से ठण्ड की भी शुरूवात हो गई है. अब ठण्ड भी जोर पकड़ने लगा है. सुबह शाम लोग घर से निकलते ही गर्म कपडे पहनकर निकल रहे हैं. लेकिन ठण्ड का असर चुनावी प्रत्याशियों पर नहीं दिख रहा है.  

इस वर्ष पहली बार ऐसा चुनाव देखने को मिल रहा है कि प्रत्याशियों के पास प्रचार के लिए समय का अभाव है. नाम वापसी के बाद प्रत्याशियों के लिए मात्र 14 दिन का ही प्रचार करने के लिए समय मिला है. इसी बीच दीपावली त्यौहार के चलते भी नाम वापसी के बाद प्रचार थमा रहा. कल 11 नवम्बर से गांवों में जोर-शोर से प्रत्याशियों का चुनावी अभियान शुरू हो गया है. लेकिन प्रत्याशियों को सुबह 8 से 1 बजे तक गांव में बहुत कम ही मतदाता दिखाई देते हैं. खेती किसानी का कार्य भी इन दिनों जोर शोर से चल रहा है. जिसके चलते किसान एवं मजदूर गांव से ज्यादा खेतों में देखे जा सकते हैं. इस बीच गांव पहुंचने वाले प्रत्याशियों को मतदाता ढूंढते हुए देखा जा सकता है. कुछ प्रत्याशी तो खेत खलिहान तक वोट मांगने के लिए भी पहुंच रहे हैं. 

दोपहर एवं रात में ही सभी मतदाता ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं जिसके चलते प्रत्याशी भी इस दोनो समय को ही प्रचार के लिए अधिक उपयुक्त मान रहे हैं. कुछ गांव में तो इतनी मतदाता जागरूकता रैली निकालने के बावजूद भी ग्रामीण जागरूक होने के बजाय बहिष्कार का रूख अपनाने लगे हैं. तो कहीं-कहीं नक्सली पर्चा फेंके जाने एवं चुनाव बहिष्कार की बात सामने आ रही है. अब देखना यह है चुनाव प्रचार के लिए बचे 7 दिन में बहिष्कार करने वाले ग्रामीण चुनाव करने के लिए तैयार होते हैं या नहीं?

पलायन करने वाले मजदूरों पर रखी जा रही है विशेष नजर
मतदाता प्रतिशत को बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा भी पलायन करने वाले कई मजदूरों को समझाईश देकर वापस भेजा जा चुका है और इन मजदूरों को बाहर भेजने वाले दलालों के ऊपर भी सख्त कार्यवाही की गई है. यह पहला मौका है कि चुनावी प्रतिशत को बढ़ाने के लिए पलायन करने वाले मजदूरों को उनके गृह ग्राम वापस भेजा गया है. वहीं बसपा प्रत्याशी का कांग्रेस में प्रवेश से भी खलबली मची हुई है. यहां फिलहाल भाजपा एवं कांग्रेस में सीधी टक्कर होने का अनुमान लगाया जा रहा है. अन्य पार्टियों में आम आदमी पार्टी, शिव सेना, अम्बेडकर पार्टी ने भी अपने प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारा है. 




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