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शौचालय निर्माण की राशि के लिये लाभार्थी दर-दर भटकने को मज़बूर, ग्रामीणों ने की उच्च स्तरीय जांच की मांग

पिथौरा.ग्राम पंचायत छिबर्रा में पंचायत द्वारा फर्जी मस्टररोल बना कर प्रशासन की राशि का बंदरबाट किया जा रहा है. बताया जाता है की बिना काम के पंचायत जनप्रतिनिधि के रिश्तेदारो के नाम से मस्टररोल बना कर हजारो भुगतान किया गया है. जबकि शौचालय निर्माण की राशि के लिये लाभार्थी दर दर भटकने को मजबूर है. 

ग्रामीणो ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग.

ग्राम पंचायत छिबर्रा निवासी गरीब किसान धनीराम राम निर्मलकर स्वच्छ भारत मिशन के तहत् सरपंच सचिव के कहने पर खुद के खर्चे में शौचालय निर्माण करा लिया अब राशि पाने को जिला कार्यालय समेत जन समस्या निवारण शिविर में आवेदन कर चुका है जहाँ बताया गया कि शौचालय की राशि जनपद पंचायत द्वारा नेफ्ट के माध्यम से की जाती है.

धनीराम निर्मलकर द्वारा 31।08।2017 को जनपद पंचायत पिथौरा में भी आवेदन लगाया गया है जहाँ अधिकारी द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई जिससे परेशान होकर पुनः 24/10/2017 को महासमुन्द जनदर्शन में टोकन क्रमांक 120217002720 से शिकायत किया गया जिसमें भी किसी प्रकार की कार्यवाही नही हुई, अंततः 12/09/2018 को ग्राम पंचायत छिबर्रा में जिला स्थानीय जनसमस्या निवारण शिविर में शिकायत किया जा चुका है.


हितग्राही ने बताया फर्जी मस्टररोल बना कर 8000 की राशि खाते मे जमा

हितग्राही धनीराम निर्मलकर ने बताया की उसने व  परिवार ने किसी अन्य के शौचालय में जाकर मजदूरी नही की है लेकिन रोजगार सहायिका के द्वारा अलग अलग तिथी मे फर्जी मस्टररोल बना कर किश्तों के मध्यम से 8000 का भुगतान स्वयं व मेरी पत्नी रामेश्वरी पुत्र चेतन व बहु डालेश्वरी के एकाउंट में कुल 8000 की राशि जमा किया गया है जो पूर्ण रूप से फर्जी है.
रोजगार सहायक ने कहा- मुझे आमने सामने बात करनी  शिकायतकर्ता से

प्रतिनिधि ने जब रोजगार सहायिका परमेश्वरी पटेल से फर्जी मस्टररोल के बारे में बात की गई तो उन्होंने अक्रोशीत होकर कहा की मुझे शिकायातकर्ता से प्रत्यक्ष मिलना है,ओर साथ ही कहा 8000का भुगतान किया गया है,जिसपर प्रतिनिधि ने पुछा की 8000 किस मद से किस कार्य हेतू दिया गया है, तो रोजगार सहायिका ने फोन काट दिया.

फर्जी भुगतान के सम्बंध मे ग्राम सचिव परस साहू ने कहा मुझे जानकारी नही है मस्टररोल का भुगतान रोजगार सहाईका परमेश्वरी पटेल देखती है. अन्दाजा लगया जा सकता है की ग्राम पंचायत मे किस कदर शासकीय पैसो का बंदरबाट किया जाता है.




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