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हजारों ग्राहक कार्ड को बैंक ने कूड़े में फेंका

सरायपाली. जन-धन योजना के तहत थोक में खुले खातों के लिए जारी ग्राहक कार्ड को उपभोक्ता के पास पहुँचाने के पहले ही बैंक के कर्मचारियों ने उसे कूड़ेदान में फेंक दिया. ग्राम केदुवाँ स्थित इण्डियन बैंक के द्वारा इस कार्य को अंजाम दिया गया है. बैंक द्वारा ग्राहकों के इस कार्ड को उन तक पहुँचाया ही नहीं गया और न ही उन्हें इसकी जानकारी दी गई. जब इसकी भनक ग्रामीणों को लगी तो उन्होंने बैंक मैनेजर से भी इसकी शिकायत की, तो उन्हें कार्ड की वैधता समाप्त होने की बात बैंक द्वारा कही गई.

शासन के द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न योजनाओं क ी राशि सीधे हितग्राहियों के खाते में पहुँचे, इसके लिए सभी ग्रामों के हितग्राहियों के लिए विभिन्न बैंकों में खाता खुलवाया गया था. जिसका बैंक मित्रों के द्वारा घर-घर जाकर आवश्यक दस्तावेज लेकर ग्रामीणों का खाता खुलवाया गया. वहीं कई ग्रामों में शिविर लगाकर भी विभिन्न बैंकों के कर्मचारियों द्वारा खाता खुलवाने का कार्य चला. उन्हें खाता नंबर एवं पासबुक तो उन्हें बैंक के माध्यम से दिया गया, लेकिन उन सभी उपभोक्ताओं को शासन द्वारा पासबुक की जगह ग्राहक कार्ड भी जारी किया गया ताकि ग्राहकों को लेन-देन में सुविधा हो और अपने पैकेट पर एटीएम कार्ड की तरह ग्राहक कार्ड को भी उपभोक्ता लेकर आसानी से लेन देन कर सकें. लेकिन हजारों की संख्या में खोले खातों का ग्राहक कार्ड तो इस बैंक के पास पहुंच गया, लेकिन यहां के अधिकारियों ने उसे ग्राहको को देना भी जरूरी नहीं समझा और 3-4 वर्षों तक नए कार्ड को ही बैंक के अंदर ही दबाकर रखे. 

शुक्रवार दोपहर को एकाएक बैंक के कर्मचारी सभी ग्राहक कार्ड को गांव के ही बडेÞ तालाब के पास स्थित एक सूखे कुएं के कचरे के ढेर में फेंक दिया. जब कुछ ग्रामीणों को बैंक द्वारा जारी ग्राहक कार्ड, पासबुक आदि दिखा तो वे इसकी शिकायत इंडियन बैंक के मैनेजर से की. बैंक मैनेजर के पास शिकायत पहुंचते ही कुछ समय बाद आधे कार्ड को जला दिया गया था.

लगभग एक हजार लोगों का ग्राहक कार्ड फेंका गया था कुडे के ढेर में

कुएं में फेंके गए ग्राहक कार्ड में कई गांव के उपभोक्ताओं का नाम था. जिसमें महेश मानिकपुर बानीपानी, धर्मेंद्र पटेल कंवरपाली, कार्तिक दास नवागढ़, भूरीबाई सिदार मोहनमुण्डा, त्रिवेणी डोंगरे बगईजोर, काजल साहू गिरसा, हरिश चौहान पिपरदा, पिंकी साहू बाराडोली, श्यामकली पाटसेंद्री, अंजू बाई अमरकोर्ट, मोंगरा नूनपानी, कामता नवरंगपुर ,कौशल बाराडोली, युगलकिशोर नवरंगपुर, धरम गिरसा, कुसुम पटेल बिजातीपाली, हेमलता नायक डुडूमचुवां, टिनी बाई साजापाली, बृजमोती मोहदा, यमुना चौहान डुमरपाली, भोलेश्वरी बिजातीपाली, राजकुमारी बिजातीपाली, अनिल बरिहा बिरकोल सहित एक हजार लोगों के नाम का ग्राहक कार्ड एवं साथ में पासबुक मिला.

बैंक कर्मचारियों की लापरवाही के कारण ग्राहकों के पास नहीं पहुंचा कार्ड

कुछ ग्रामीणों ने पूछे जाने पर बताया कि यह ग्राहक कार्ड अभी भी चालू है और इसकी वैधता अनलिमिटेड है. इस कार्ड को बैंक मित्र के माध्यम से ग्राहकों के पास जाकर एक्टीवेट करके देना रहता है. लेकिन बैंक मित्र द्वारा वितरण नहीं किया गया है और न ही उपभोक्ताओं को उनके नाम से कार्ड जारी होने की जानकारी दी गई. 

कबाड़ में फेंके जाने के बाद उपभोक्ताआें को पता चला कि उनके नाम से भी कार्ड जारी हुआ है. वहीं ग्रामीणों ने बैंक से राशि आहरण, जमा करने में भी अनियमितता बरतने का आरोप लगाया है. 


कार्डों का वैधता हो गया था समाप्त-मैनेजर

जब इस संबंध में इंडियन बैंक मैनेजर केदुवां परशुराम बाघ से पूछा गया तो उन्होने ग्राहकों द्वारा कार्ड को नहीं लिए जाने के कारण वैधता समाप्त होने की बात कही. जब उन्हें कबाड़ पर फेंके जाने की बात पूछी गई तो तो इस पर उन्होने अनभिज्ञता जाहिर की और उनके बिना जानकारी के कार्ड को कुएं में फेंके जाने की बात कही. जब उन्हें बिना वितरण किए कार्ड को जलाए जाने का वजह पूछने पर वे गोल मोल जवाब दिए.




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