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पूर्ण शराबबंदी पर सरकार का यू-टर्न

कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में पूर्ण शराबबंदी की बात कही थी. इसके बावजूद भी शराब कंपनी के पंजीयन के लिए पत्र जारी किए जा रहे है.

छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी पर सरकार नें यू-टर्न ले लिया है. कांग्रेस ने अपनी घोषणा पत्र में कहा था की प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की जाएगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शपथ लेने के पहले दिन ही मंत्रालय में अपने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सरकार पूर्ण शराबबंदी के लिए अन्य राज्यों का अध्ययन करेगी, जानकारी मंगाई गई है.

कांग्रेस के पूर्ण शराबबंदी वाले वादे से माताएं-बहनें खुश थी. ग्रामीण क्षेत्रों में शराबियों की कुप्रवृत्ति ज्यादातर देखने को मिलती है और इनके वजह से युवाओं का भविष्य ख़राब हो जाता है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शपथ लेने के पहले दिन ही मंत्रालय में अपने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सरकार पूर्ण शराबबंदी के लिए अन्य राज्यों का अध्ययन करेगी, जानकारी मंगाई गई है.

प्रदेश में शराब का करोबार करीब 4100 करोड़ का है. आबकारी विभाग की ओर से जारी पत्र में साफ लिखा गया है कि साल 2019-20 के लिए ठेका व्यवस्थापन कार्य शीघ्र होना है. इसके लिए भारत में निर्मित विदेशी मदिरा, नवीन ब्रांड व लेवलों का पंजीयन कराना है. 10 जनवरी तक आवेदन के लिए तारीख तय की गयी है.

शराब के कीमत में वृद्धि की जाए

विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में देखा जाता है की मजदूरी करने वाले प्रायः शराब का सेवन करते हैं वे अपनी आय से परिवार का भरण पोषण करने के बजाय शराब पीकर खर्च कर देते हैं. सरकार को शराब की कीमत को बढ़ाना चाहिए ताकि शराबी आसानी से खरीद ना सके.

शराब दुकान की दुरी तय की जाए

शराब दुकानों की दूरी तय की जानी चाहिए. शराब दुकानों के निकट होने से शराबी आसानी से पहुँच जाते हैं, शराब दुकानें दूर होने पर शराबीयों को पहुँचने में दुर्लभता होगी.




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