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कार्रवाई के अभाव में सैकड़ों स्थानों पर हो रहा अवैध रेत खनन

प्रशासन की लापरवाही के चलते 100 से अधिक स्थानों पर अवैध रेत खनन किये जा रहे हैं. खनिज विभाग को इसकी जानकारी होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे रेत कारोबारी बेख़ौफ़ होकर रेट खनन कर रहे हैं. महानदी और बघनई नदी, सूखा नाला, केशवा नाला सहित जिले के अन्य नदी नालों में रोजाना खनन जारी है. नदी से रोजाना सैकड़ों हाईवा रेत का परिवहन किया जा रहा है.

खनिज विभाग की ओर से केवल तीन स्थान में रेत खनन की अनुमति दी गई है, लेकिन 100 से भी अधिक ऐसे स्पॉट हैं, जहां बेखौफ अवैध खनन किए जा रहे हैं.

ज्ञात हो कि दो साल पहले कनेकेरा बघनई नदी को प्रशासन ने लीज पर दिया था, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते यहां खनन नहीं हो पाया, लेकिन गरियाबंद प्रशासन ने कनेकेरा नदी के दूसरी ओर रेत खदान की अनुमति दी है. इस रेत खदान से महासमुंद के अलावा राजधानी तक रेत सप्लाई की जा रही है. यहां पर पोकलेन मशीन के जरिए हाईवा और ट्रैक्टर से रेत सप्लाई होती है. वहीं मामले में खनिज अधिकारी एनके रायस्त का कहना है कि कार्रवाई लगातार की जा रही है. जहां पर अवैध रेत का उत्खनन हो रहा है वहां टीम भेजी जाती है.

खनिज विभाग की ओर से केवल घोड़ारी, मुड़ियाडीह, बरबसपुर में रेत खनन की अनुमति दी गई है, जबकि केशवा, बघनई, कांदाजरी, चिंगरौद, बम्हनी, लाफिन, भलेसर, बड़गांव, सूखा नाला, जोक नदी, मुढैना महानदी में 100 से अधिक स्थानों में रेत का अवैध उत्खनन जारी है.

महानदी और बघनई नदी में अवैध रेत उत्खनन में है पंचायत की संलिप्तता

महानदी और बघनई नदी में खुलेआम रेत की अवैध उत्खनन किया जा रहा है. बाकायदा इस खनन में पंचायत की संलिप्तता है. यहां रोजाना 400 से 500 ट्रैक्टर रेत निकाली जा रही है. प्रति ट्रैक्टर से 200 से 300 रुपए वसूली की जाती है. सरपंच बेनुराम ध्रुव ने बताया कि रेत का एक रुपए मेरे पास नहीं आता. रेत उत्खनन से जो भी इनकम होती है, उसे पंचायत प्रतिनिधि बांट लेते हैं.




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