हाइकु की कार्यशाला आयोजित, विजेता पुरस्कृत किये गए
बसना. शासकीय आदर्श उच्च माध्य विद्यालय बसना में डी एल एड के प्रशिक्षु शिक्षकों को लेखन कला का प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से हाइकु लेखन कार्यशाला का आयोजन रमेश कुमार सोनी के नेतृत्व में किया गया.
हाइकु लेखन कार्यशाला में हाइकुकार रमेश कुमार सोनी नें कहा- "हिंदी साहित्य की विधा हाइकु का उद्भव जापान में हुआ यह किसी दृश्य या अनुभूत क्षण विशेष से मन में उत्पन्न संवेदना को ब्यक्त करने की सबसे छोटी कविता है. इसमें कविता के सभी तत्व मौजूद होते हैं , यह तीन पंक्तियों में 5,7,5= 17 वर्णों की यह तुकांत और अतुकांत भी हो सकती है. बसना में यह अंकुर साहित्य मंच के साहित्यकारों द्वारा विशेषतः पोषित, पल्लवित हो रही है. अब तक यहां से जापानी विधा के हाइकु, तांका और सेदोका विधा की राष्ट्रीय स्तर की किताबें प्रकाशित हो चुकी है. " ।
श्रेष्ठ हाइकु लेखकों को किताबें देकर पुरस्कृत भी किया गया ।
श्रेष्ठ हाइकु इस प्रकार रहे -
1. लाल अनार
बड़ा है मजेदार
मेरा विचार ।।
सफेद मूली
चढ़ गई है सूली
जुल्फें है खोली ।।
(सुभाष चंद्र साव )
2. धरती सोना
परिश्रम है बोना
पल ना खोना ।।
दहेज विष
जलती है दुल्हनें
मन की टीस ।।
( वंदना डड़सेना )
3. डगर सूनी
जी बहलाने आयी
हवा बातूनी ।।
(शबाना खान )
4हरियर हे
रिगबिग ले धान
खुश किसान ।।
(जानकी बंजारा )
5.तितली रानी
करती मनमानी
छैल छबीली ।।
(अंजू यादव )
6.भोर होते ही
सरोवर में खिले
स्वर्ण कमल ।।
(प्रेमलता साहू )
7. घना जंगल
याद आ गई नानी
खत्म कहानी ।।
(पद्मिनी पटेल )
8. वाणी सी शुभ्र
लक्ष्मी सी वरदायी
बिटिया आयी ।।
(ललित कुमार चौधरी )
9. ठंड है बड़ी
मुस्कान भी सिकुड़े
होंठ हैं फटे ।।
(उषा नंद )
10 .उगता सूर्य
अम्मा की रोटी जैसा
भूख बढ़ाता ।।
(कल्याणी वैष्णव )
11.सावन दूल्हा
बादल साथ लाया
जैसे बाराती ।।
(शीला पांडेय )
12.सड़कों पर
हूनर का तमाशा
चाहिए पैसा ।।
(सुशील राजहंस )
13 पानी माँगते
शरीर का पसीना
गर्मी महीना ।।
(रीता महंत )
14.खड़े हर्षाते
देख झील में चित्र
पेड़ अपने ।।
(सविता सामल )
15.चलती साथ
पटरियाँ रेल की
फिर भी मौन ।।
(भारती पटेल )