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मिडिल स्कूल अरेकेल में स्वामी विवेकानंद जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप मना

बसना.शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला अरेकेल,वि.खं.बसना में निडरता के प्रतिभूति,महान संत, महान दार्शनिक, दिव्य पुरुष,स्वामी विवेकानंद का जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया गया. इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी लोकेश्वर सिंह कंवर ने स्वामी विवेकानंद के आदर्श एवं विचारों पर चलने के लिए उपस्थित पालकों एवं छात्र छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद कठोर नियम व्रत,तीक्ष्ण बुद्धि,निडरता के प्रतिभूति एवं युवाओं के प्रेरणा स्रोत है. गुरुओं के बताए रास्ते पर चलकर अच्छा व्यक्तित्व का निर्माण कर अच्छे नागरिक बन सकते हैं. 

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सरपंच शिवप्रसाद डड़सेना ने कहा कि जिस प्रकार स्वामी विवेकानंद ने अपने गुरु की सेवा की उसी प्रकार सभी छात्र-छात्राएं अपने गुरुओं और माता पिता की सेवा कर सफल व्यक्ति बन सकते हैं. इस अवसर पर शिक्षक हीराधर साव ने कहा कि स्वामी विवेकानंद आजीवन एक संन्यासी के रुप में रहे और देश समाज की भलाई के लिए काम करते रहे. अपने ज्ञान के बल पर स्वामी विवेकानंद विश्व विजेता बने।वे हिंदुस्तान के एक ऐसे सन्यासी रहे हैं जिनके संदेश आज भी लोगों को उनका अनुकरण करने को मजबूर कर देते हैं. 12 जनवरी के दिन स्वामी विवेकानंद के नाम पर समर्पित है और इस दिन को युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है.

स्वामी विवेकानंद जी ऐसे सन्यासी हैं जिनके अनुयायी देश ही नही बल्कि पूरी दुनिया के हर कोने में हैं. स्वामी विवेकानंद जी हमेशा बोलते थे सच्चाई के लिए कुछ भी छोड़ देना चाहिए, पर किसी के लिए भी सच्चाई नही छोडनी चाहिए. उठो जागो और तब तक मत रुको,जब तक उद्देश्य की प्राप्ति न हो का संदेश देने वाले युवाओं के प्रेरणा स्रोत,समाज सुधारक, युवा युगपुरुष स्वामी विवेकानंद के जयंती के अवसर पर शिक्षक प्रेमचन्द साव ने कहा कि स्वामी विवेकानंद अमेरिका के शिकागो शहर में आयोजित विश्व धर्म सम्मेलन में शामिल होकर वेदांत की पताका फहराकर भारत को विश्व धर्म गुरु का सम्मान दिलाया. 

स्वामी विवेकानंद का सिद्धांत,धर्मपरायण स्वभाव, अलौकिक विचार है,जिनका उन्होंने स्वयं पालन किया और भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी उन्होंने स्थापित किया।उनके विचारों एवं आदर्श युवाओं में नई शक्ति और ऊर्जा का संचार करते हैं. किसी भी देश के युवा उसका भविष्य होते हैं,उन्हीं के हाथों में देश की उन्नति की बागडोर होती है।ऐसे में देश की युवा शक्ति को जागृत करना और उन्हें देश के प्रति कर्तव्य का बोध कराना अत्यंत आवश्यक है।स्वामी विवेकानंद के विचारों में वह क्रांति और तेज है जो सारे युवाओं में नई चेतना से ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार हो रहा है. 

स्वामी विवेकानंद ने भारत में सोए हुए समाज को जगाया और उनमें नई ऊर्जा,उमंग का प्रसार किया  उन्होंने युवाओं को अहं का नाश कर धैर्य, व्यवहारों में शुद्धता रखने और हमेशा संघर्षरत रहने का संदेश दिया. स्वामी विवेकानंद को उनके विचारों और आदर्शों के लिए जाने जाते है,इसलिए आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं. शिक्षिका विनीता ताण्डी ने कहा कि संभव की सीमा जानने का केवल एक ही तरीका है,असंभव से भी आगे निकल जाना. इस अवसर पर छात्र-छात्राओं में मुस्कान परवीन, अनीता श्रीवास,रोशन गिरि, जगदीश बरिहा,हेमा,रितेश,दामिनी, गीतांजली,गुलशन,वर्षा आदि छात्र छात्राओं ने अपने-अपने विचार अभिव्यक्त किए।स्वामी विवेकानंद के प्रतीक पुरुष बने छात्र रोशन गिरि ने शिकागो में दिए ऐतिहासिक व्याख्यान के कुछ अंश को बोल कर सुनाया. 

शिक्षक शिक्षिकाओं में ज्योत्सना साहू,विनीता ताण्डी, प्रेमचंद साव पंचायत प्रतिनिधि नंदराम साव, समन्वयक गोवर्धन डड़सेना ने भी अपने-अपने विचार प्रकट किए. इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रुप में सहायक विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी लोकेश्वर सिंह कंवर, समन्वयक गोवर्धन डड़सेना,नंदराम साव, कार्यक्रम की अध्यक्ष के रूप में सरपंच शिवप्रसाद डड़सेना, प्रधान पाठक हीराधर साव,शिक्षक प्रेमचन्द साव,शिक्षिका विनीता ताण्डी एवं शासकीय प्राथमिक शाला अरेकेल से प्रभारी प्रधान पाठक मनबोध भोई, शिक्षिका हिमाद्री प्रधान,आसमा परवीन,ज्योत्सना साहू,सरिता सिदार,अशोक भोई,बाल कैबिनेट के सदस्यगण,पालकगण एवं काफी संख्या में छात्र-छात्राएं सक्रियता के साथ उपस्थित रहे. इस कार्यक्रम की जानकारी रूपानंद साव ने दी.




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