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अब न्यूज पोर्टल का होने लगा है दुरुपयोग

तकनिकी युग में हर क्षेत्र में क्रांति आयी,  जिसमे पत्रकारिता भी पीछे नहीं रही. पत्रकारों को अपने विचारों व अभिव्यक्ति को व्यक्त करने के लिए एक नया क्रन्तिकारी मंच मिला जिसे आज “न्यूज पोर्टल” के नाम से जाना जाता है. स्थानीय व ज्वलंत मुद्दों को राष्ट्रीय चैनल या अख़बार में जगह नहीं मिलने के कारण न्यूज़ पोर्टल की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है. यह सब देखते हुए कई पुराने अख़बार व टीवी चैनलों ने भी अपना-अपना वेब पोर्टल शुरू किया.

लेकिन कई बार ये खबर फैलती रहती है कि न्यूज पोर्टल फ़र्ज़ी है. जबकि ऐसा कुछ नहीं है, न्यूज पोर्टल  सोशल मीडिया में अभिव्यक्ति की आजादी है. न्यूज़ पोर्टल में यदि लेख अच्छे प्रकाशित होते रहते है तो इनमे पाठकों की संख्या लगातार बढ़ती जाती है. इन्टरनेट पर होने कारण उस लेख को इन्टरनेट से जुड़ा हर व्यक्ति उस तक पहुँच सकता है. न्यूज़ पोर्टल ने कई सनसनी खुलाशे भी किये है. न्यूज पोर्टल की बढ़ती लोकप्रियता से कई लोगों की चाटुकारिता भी समाप्त होती दिखाई दे रही है.

लेकिन लोग अब न्यूज पोर्टल का दुरुपयोग करने लगे है. अब दिनों दिन इन्टरनेट पर चल रहे  न्यूज पोर्टल की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिन्हें पत्रकार बनना है वे भी कुछ पैसे देकर न्यूज पोर्टल से प्रेस लिखा हुआ आईडी कार्ड बनवा ले रहें है.  पोर्टल चलाने का उद्देश्य भी अब कुछ पैसा लेकर जाली प्रेस कार्ड बांटने एवं जाली पत्रकार नियुक्ति करने तथा प्रेस के नाम पर ब्लैकमेलिंग करने का धंधा जोरों शोरों से चल पड़ा है. जिन्हें सही ठंग से इन्टरनेट का ज्ञान नहीं वे भी 5 से 10 हजार रुपये में न्यूज पोर्टल बना कर चला रहे है. जिन्हें रजिस्ट्रेशन का प्रोसेस ही नहीं पता वे लोगों के सामने अपने पोर्टल को रजिस्टर्ड बता रहें है. इन लोगों की वजह से ईमानदार पत्रकारों के छवि खराब हो रही है, एवं उनके कार्य करने में बाधा उत्पन्न हो रही है.

अब  सूचना प्रसारण मंत्रालय में रजिस्ट्रेशन के  बिना शासकीय विज्ञापन ना केवल पोर्टल में बल्कि विज्ञापन को प्रिंट करने का कोई माध्यम बनाकर उसे लगाया जा रहा है.




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