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महासमुंद लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की आठ में से पांच पर कांग्रेस तो तीन पर है बीजेपी का है कब्ज़ा.

छत्तीसगढ़ में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति मजबूत मानी जा रही है. महासमुंद लोकसभा के अंतर्गत आने वाले आठ विधानसभा में से पांच विधानसभा सीटें अभी कांग्रेस के पास है. जबकि तीन बीजेपी के पास.

विंद्रानवागढ, कुरुद व धमतरी बीजेपी के कब्जे में हैं. यहां से क्रमश: डमरूधर पुजारी, अजय चंद्राकर, रंजना साहू विधायक हैं. जबकि कांग्रेस से  महासमुंद सीट पर विनोद चंद्राकर, खल्लारी से द्वारिकाधीश, बसना से देवेंद्र बहादुर, सरायपाली से किस्मत लाल नन्द और राजिम से अमितेश शुक्ल कांग्रेस विधायक हैं. 

महानदी तट पर स्थित महासमुंद संसदीय क्षेत्र की विशेष पहचान अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थल सिरपुर और गंगरेल बांध से है. प्राचीन छत्तीसगढ़ अर्थात दक्षिण कौशल की राजधानी रहे श्रीपुर (सिरपुर) को विश्व धरोहर की सूची में शामिल करने का प्रयास जारी है. सिरपुर महासमुन्द संसदीय मुख्यालय महासमुंद जिले का आइकॉन है. यह जिला छत्तीसगढ़ की राजनीति का बड़ा केंद्र रहा है. यहां से विद्याचरण शुक्ल सात बार सांसद चुने गए.

अविभाजित मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पं. श्यामाचरण शुक्ल भी महासमुंद से सांसद चुने गए थे.  स्वतंत्रता संग्राम में महासमुन्द जिले के सेनानियों का बड़ा योगदान रहा है. छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी भी यहाँ से सांसद रहे है, वर्तमान में भाजपा के चंदूलाल साहू इस क्षेत्र से सांसद हैं.

संसदीय क्षेत्र में महासमुंद से सरायपाली होते बरगढ़ तक रेलमार्ग की वर्षों पुरानी मांग अब भी अधूरी है. औद्योगिक विकास शून्य है, मंत्री से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री तक यहाँ के सांसद बन चुके है लेकिन विकास का स्तर आज भी यहाँ पिछड़ा देखने को मिलता है. ओड़िशा सीमावर्ती इलाकों से जुड़े विधानसभा बसना और सरायपाली में ना केवल रेल की मार्ग अधुरी है जबकि काफ़ी लम्बे अरसे से इस क्षेत्र के लोग जोंक परियोजना का लाभ देखने की राह देख रहें है.






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