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बसना : मेंटेनेंस के नाम पर कटौती के बावजूद पेड़ के 4 पत्ते हिलने पर चली जाती है बिजली !

बीते बरसात के मौसम में बसना के कई क्षेत्र में लगातार बिजली की आँख मिचौली चलती रही लोग परेशान रहे कटौती को लेकर अपनी पीड़ा व्यक्त करते रहे. इस पर बिजली विभाग द्वारा कहा गया कि मेंटेनेंस का कार्य किया जाना बाकि है, और बिजली की तारों के पास कई जगह पेड़ बड़े हो गए थे जिन्हें काटने की बात कही गई तार सही करने की बात कही गयी.

यह मेंटेनेंस का कार्य बरसात के बाद किया गया और बिजली विभाग ने अलग अलग इलाकों की बिजली काट कर दिन भर बिजली बंद रखा. चूंकि बिजली विभाग मेंटेनेंस का कार्य कर रहा है जो कि आगे लोगों के लिए राहत लायेगा इसलिए दिनभर बिजली ना रहने की बावजूद लोगों ने अपनी सहनशीलता बनाये रखा.

लेकिन अब मेंटेनेंस किये 4 महीने भी नहीं बीते और मेंटेनेंस के नाम पर बिजली काटने वालों की पोल खुल गई. बीते कुछ दिनों से लगातार बसना शहर सहित गाँव में बिजली की आँख मिचौली जारी है. विभाग को फटकारने वाला कोई नहीं है, गाँव में बिजली की हालत और बत्तर हो रही है. गाँव के लोग तो ये भी कहने लगे की अब वापस स्टेप्याजर का जमाना वापस आने लगा है, विधुत विभाग द्वारा दिए जाने वाली बिजली से अब गाँव के बल्ब भी तार की तरह जलने लगे है. जिसे देखकर स्टेप्याजर भी वोल्टेज बढ़ाने के लिए दम तोड़ दे.

परसों रात बसना सहित आस पास के कई इलाकों में बारिश के साथ ओले गिरे और तब से लेकर आज तक विभाग लगातार बिजली काट रहा है. जिससे मेंटेनेंस के नाम पर आम जनता को मुर्ख बनाने वाला बिजली विभाग की पोल खुल गई.

विभाग ने मेंटेनेंस के नाम पर कटौती कर किस प्रकार का कार्य किया वो अब सबके सामने आ चूका है. अब तो ऐसा लगता है कि पेड़ की चार पत्तियाँ भी हिलने लगे तो विभाग बिजली काट देगा. सरप्लस राज्य कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ की बिजली कहाँ के लोगों को फायदा पहुँचा रही है यह तो विभाग ही जाने.

स्थिति देखकर यह महसूस किया जा सकता है कि आने वाले दिनों में बिजली कटौती को लेकर लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

फिलहाल हाफ बिजली बिल को लेकर कुछ खेमे के लोगों में ख़ुशी भी देखी जा सकती है, मगर बिजली का आधा वितरण किया जाना भी अब कटु सत्य बन चूका है. जो शायद सबके पेट में हजम नहीं होगा. मगर मुख्य प्रश्न यही है कि मेंटेनेंस के नाम पर क्या किया बिजली विभाग ने ?





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