news-details

जनपद पंचायत से ठेके में मिले जलाशय पर पूरा अधिकार दिखा रहा ठेकेदार, ग्रामीणों को संक्रमण का खतरा.

महासमुंद जिले में इन दिनों सूखा-ग्रस्त और भीषण गर्मी के चलते कलेक्टर के आदेशनुसार कंट्रोल रूम बनाकर लोगो के लिए जल आपूर्ति हेतु समस्याओं का निदान किया जा रहा है. लेकिन सरायपाली से लगभग 20 किलोमीटर की दुरी पर ओडिशा की दिशा में  स्थित सिंघोडा जलाशय की स्थिति अब ऐसी हो चुकी है कि इसमें रहने वाली मछलियां भी अब मरने लगी है.

प्राक्रितिक सौंदर्य और चारो ओर घनी पहाडियां से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने वाला सिंघोड़ा मंदिर के दूसरे किनारे सरकार द्वारा बनाया गया बांध अपनी सुन्दरता को लेकर कभी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग कर रहा था लेकिन पर्यटक दो दुर अब यहाँ मछलियाँ भी कुछ दिन के बाद विलुप्त हो जाएगी.

देवानगूडी के स्थित यह जलाशय यहाँ के ग्रामवासीयों के लिए निस्तारी हेतु एक मात्र सहारा है. इस जलाशय में ना केवल यहाँ के ग्रामवासी बल्कि नेशनल हाईवे से गुजरने वाले सैकड़ों मुशाफिर भी लाभ लेते है. मगर इस जलाशय को लेकर कुछ लोगों का स्वार्थ ऐसा बना हुआ है कि वो मानवता भी भूल चुके है, स्व सहायता समूह द्वारा ठेकेदारी के नाम पड़ दिन प्रतिदिन मछली मारने से पानी इतना गन्दा हो गया है कि अब यहाँ की मछली संक्रमण के कारण मरने लगे है.

अगर इसी तरह जलाशय मे मछली मारा गया तो वो दिन दुर नहीं जब यहाँ का पानी उपयोग करने वाले लोग इस पानी से संक्रमित होने लगे. इस पानी के ख़राब होने के पीछे स्व. सहायता समूह के आलावा सरायपाली का जनपद पंचायत भी बराबर का भागीदार है.

जहाँ पंचायत के निर्माण का कार्य होता है उसी जनपद पंचायत के द्वारा मछली मारने का ठेका एक ऐसे महिला सहायता समूह को दे दिया गया जो ठेके में मिले इस जलाशय में अपना पूरा अधिकार दिखाकर लोगों के साथ गाली गलौच करते है और मछली मारने पर यह कहता है कि इसे मैंने ठेके में लिया है और मैं कुछ भी कर सकता हूँ.





अन्य सम्बंधित खबरें