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ताला खुलने का इंतजार करने मजबूर है आंगनबाड़ी के बच्चे !

ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों के पोषण एवं बुनियादी शिक्षा के लिए आंगनबाड़ी केन्द्र एक मात्र जगह होती है. आगंनबाड़ी स्वास्थ संबंधी समस्याओं के लिए उसकी आवश्यकताओं से पूरी तरह से अवगत होती है. इसी वजह से गाँव में स्वास्थ संबधी हालातों का जायजा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से ही लिया जाता है.  

गाँव में गरीब तबके के ऐसे भी परिवार होते है जिन्हें अपनी रोजी रोटी चलाने के लिए दिन भर मजदुरी कर गुजरा करना पड़ता है, ऐसे लोगों के लिए आंगनबाड़ी एक मात्र सहारा होता है. आंगनवाड़ी छोटे बच्चों की पोषण, स्वास्थय और शिक्षा संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए होती है.

इतनी जिम्मेदारी के बावजूद बसना ब्लाक के ग्राम पंचायत बरोली का आंगनबाड़ी कभी समय पर नहीं खुल पाता है. कल सुबह जब जनपद सदस्य जन्म जय साव द्वारा निरीक्षण किया गया तो पता चला की वहां के आंगनबाड़ी में ताला लटका है और बच्चे धुप में खड़े उसके खुलने का इंतजार कर रहे है. ग्रामीण अंचलों में अक्सर यही देखने को मिलता है की कभी भी समय पर आंगनबाड़ी का ताला नहीं खुलता.

मिली जानकारी के अनुसार सुबह 8:00 बजे तक आंगनबाड़ी केंद्र 01 बरोली में जन्म जय साव  द्वारा औचक निरीक्षण किया गया जिसमें पता चला कि उक्त केंद्र में दो आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किया जा रहा है, लेकिन सुबह 8:00 बजे भी दोनों कार्यकर्ता(रोशनी, यशोदा) केंद्र में अनुपस्थित थीं.

सहायिका बच्चों के साथ कार्यकर्ताओं का चाबी लाने इंतजार बाहर में कर रही थी. छोटे-छोटे बच्चों का केंद्र के बाहर जहाँ रोड़ गुजरा है, कार्यकर्ताओं के इंतजार में बैठे रहना दुर्भाग्यजनक है, ये दोनों कार्यकर्ताओं की अदूरदर्शिता को दर्शाता है.

वहीं पर जन्म जय साव द्वारा द्वारा सेक्टर सुपरवाइजर, परियोजना अधिकारी से मोबाइल से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन सम्पर्क नही हो पाया. जबकि इस सम्बंध में महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी ने बताया कि नोटिस जारी किया जाएगा और कार्यवाही भी की जाएगी.






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