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अच्छी खबर: सरकारी स्कूलों में मिड-डे के साथ मिलेगा सुबह का नाश्ता भी

मध्यान्ह भोजन सरकारी स्कूलों में मिलने बाद इसका बेहद ही सकारात्मक असर देखने को मिला है. ख़ास कर गाँव के उन बच्चों के लिए जो सही ठंग से उचित आहार नहीं ले पाते थे. मध्यान्ह भोजन के मिल जाने से कई माता-पिता की अपने बच्चों की आहार संबंधी चिंता ही दुर हुई है. इनता ही नहीं बच्चों का भी स्कूल के प्रति रुझान बढ़ा है.  

अब इसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ में आने वाले दिनों में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मिड-डे मील के साथ-साथ सुबह का नाश्ता मिलना भी शुरू हो जाएगा. पिछले साल गुजरात में शुरू हुए सुबह के नाश्ते के सकारात्मक असर को देखते हुए केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय अन्य राज्यों में भी इसे लागू करने के लिए राज्य सरकारों से सिफारिश की थी जो फ़िलहाल छत्तीसगढ़ में पूरी होती हुई दिखाई दे रही है.

अब यहाँ मध्यान्ह भोजन साथ बच्चों को नाश्ते मेें पैक्ड फूड आयटम दिया जाएगा और  बच्चों के पोषण को ध्यान में रखते हुए अंडा और एक दिन के बजाय दो दिन सोयाबीन दूध दिया जाएगा.

मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल दो तीन ब्लॉकों में ही यह व्यवस्था की जाएगी, जिसके चिन्हांकन की प्रक्रिया चल रही है. वहीं, इस व्यवस्था से 15-20 हजार बच्चों को सालभर तक नाश्ते की व्यवस्था में लगभग दो करोड़ रूपए खर्च किया जाएगा. जिसमें 60 फीसदी की हिस्सेदारी केन्द्र और 40 फीसदी राज्य शासन वहन करेगा.

इसके साथ ही सत्र 2019-20 के लिए 10 हजार स्कूलों में किचन गार्डन की व्यवस्था की जाएगी. जिसमें परोसे जा रहे भोजन में हरी और ताजी सब्जियों परिसर की ही बागवानी में उगाई जा सकेंगी. जिससे बच्चों की पौष्टिक आहार भी मिल पाएगा.






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