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नरवा, गरूवा,घुरवा एवं बाड़ी योजना के सफल क्रियान्वयन से ग्रामीण समृद्धि का नया रास्ता खुलेगाः कमिश्नर श्री चुरेन्द्र

महासमुंद 01 जून 2019/ कमिश्नर रायपुर श्री जी.आर.चुरेन्द्र ने आज यहां जिले के विकासखंड महासमुंद के ग्राम कछारडीह तथा विकासखंड पिथौरा के ग्राम परसापाली में बन रहे गौठान कार्य की प्रगति का जायजा लिया। इस दौरान कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री ऋतुराज रघुवंशी, एसडीएम श्री सुनील कुमार चंद्रवंशी, एसडीएम श्री पंकज डाहिरे, महासमुंद जनपद सीईओ श्रीमती आभा तिवारी, पिथौरा के सीईओ श्री पी.के. प्रधान विशेष रूप से उपस्थित थे।

इस दौरान उन्होंने इन गांवों के किसानों, पशुपालकों, पंचायत प्रतिनिधियों और महिला समूहों की चौपाल लगाकर शासन की नरवा, गरवा, घुरवा एवं बाड़ी योजना की सार्थकता समझाई। उन्होंने कहा कि नरवा, गरूवा,घुरवा एवं बाड़ी योजना के सफल क्रियान्वयन से ग्रामीण समृद्धि का नया रास्ता खुलेगा तथा पूरे गांव में भाईचारा, सद्भावना और सहयोग का वातावरण बनाने में यह योजना मददगार साबित होगी।

इस दौरान कमिश्नर श्री चुरेन्द्र ने महिला स्व सहायता समूहों को राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता वाले इस योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। ग्रामीणों ने बताया कि गौठान विकास समिति का गठन कर लिया गया है और उसकी नियमित बैठक भी होती है। कमिश्नर ने इस दौरान महिला स्व सहायता समूहों को विशेष रूप से प्रेरित किया और कहा कि शासन द्वारा अनेक प्रकार की जन कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है, जिसका सीधा लाभ ग्रामीणों को मिल रहा है। राज्य शासन की नरवा, गरूवा, घुरूवा एवं बाड़ी कार्यक्रम एक ऐसा समावेशी विकास कार्यक्रम है, जिसमें ग्रामीण संस्कृति और गांव का सर्वार्गीण विकास सामाहित है।

उन्होंने कहा कि इसके तहत आधारभूत संरचनाओं और सुविधाओं का निर्माण शासन द्वारा करा कर गामीणों को उपलब्ध कराया जा रहा है और यह गांव वालों की जिम्मेदारी है कि इसकी समुचित देखभाल ग्रामीण उत्थान के लिए करें। इससे गांव आत्मनिर्भर बनेंगे और आर्थिक रूप से संपन्न होंगे। उन्होंने का कि गौठान विकास समितियों की बैठक साप्ताहिक हो और उसमें महिला स्व सहायता समूहों के साथ-साथ मैदानी शासकीय अमले भी बैठक में शामिल हो। इसके अलावा बैठक में गांव के विभिन्न समूहों के लोग भी शामिल होकर गांव विकास के इस कार्यक्रम में विशेष सहयोग करें। ग्रामीणों से चर्चा के दौरान कमिश्नर ने कहा कि इन गांवों में वृक्षारोपण भी किया जाएगा। पौधरोपण के साथ-साथ उसकी सुरक्षा और पानी की व्यवस्था करना भी ग्रामीणों का कर्तव्य है। शासन द्वारा संचालित सुराजी योजना सुख, शांति और समृद्धि का आधार बने, गांव आत्मनिर्भर हो इस दिशा में ग्रामीणजनों को संगठित होकर कर्मष्ठता के साथ सामूहिक प्रयास करना है, इसके लिए सभी की सहभागिता होनी चाहिए।  

कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन ने ग्रामीणों से बातचीत के दौरान कहा कि गांव में ग्राम गौठान बनने से आवारा पशुओं की देखरेख भी इन गौठानों में की जाएगी तथा उनके लिए चारे की व्यवस्था के साथ सुरक्षा होगी। उन्होंने कहा कि ग्राम गौठान समिति की नियमित बैठक लेकर योजना को मूर्त रूप दे। इसके अलावा महिला स्व सहायता समूहों को जो प्रशिक्षण दिया गया है, उसके अनुरूप सामग्री तैयार करें और उनके विक्रय की भी व्यवस्था करें। उन्होंने यह भी कहा कि इन गौठानों के निर्माण से गोबर का समुचित निस्तार होगा तथा स्वच्छता बनी रहगी। श्री जैन ने कहा कि गौवंश ग्रामीण आर्थिक विकास का केन्द्र रहा हैं। इससे जहां ग्रामीणों को दूध प्राप्त होता है वहीं अन्य सामग्री के रूप में खाद के लिए गोबर प्राप्त होता है, जिसका उपयोग फसल उत्पादन में किया जाता है। इसके अलावा परिवहन एवं खेती में भी पशुधन का विशेष उपयोग होता है। गौठान निर्माण के बाद इसके समुचित संचालन से ग्रामीण आर्थिक विकास के साथ बदलाव भी आएगा।

महिला स्व सहायता समूह गांव में कपोस्ट खाद तैयार करे और उस गांव के लोग इसे खरीद कर अपने खेतों में उपयोग में लाए। इससे गांव में एकजुटता बढ़ेगी और उन्नती होगी। उन्होंने यह भी कहा कि इन गौठानों के चारों ओर छायादार एवं फलदार पौधे लगाए जाएंगे, जिससे प्रकृति पर्यावरण संरक्षित एवं संवर्धित होगा। कलेक्टर ने कहा कि आर्थिक स्थिति सुधारना आवश्यक है और इसके लिए सभी का सहयोग एवं सक्रिय प्रयास आवश्यक है। इस मौके पर स्व सहायता समूहों द्वारा पशुओं के गोबर की विभिन्न प्रकार की खाद एवं सामान तैयार करने की जानकारी दी गई। स्व सहायता समूह के सदस्यों ने बताया कि इन गौठानों के निर्माण से आवारा पशुओं को एक स्थान पर रखा जाएगा, वहीं लोगों को रोजगार मिलेगा, फसलों की रक्षा होगी, पशुओं की सुरक्षा होगी और बीमार पशुओं के ईलाज भी समुचित ढंग से हो सकेगा। इस अवसर पर कृषि विभाग के उप संचालक श्री व्ही.पी. चौबे, उप संचालक पशुधन श्री डी.डी. झारिया, जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री कोष्टा, उद्यानिकी अधिकारी श्री पटेल, राजस्व विभाग के कर्मचारियों के अलावा बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।




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