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स्वच्छ भारत मिशन के तहत मिले टॉयलेट में शख्स बनाने लगा खाना, आखिर क्यों ?

किचन या रसोईघर किसी भी घर का सबसे अहम हिस्सा होता है लेकिन क्या कभी आपने   ये सुना है कि किसी शख्स ने अपने घर के टॉयलेट को ही किचन बना लिया. आपका जवाब होगा नहीं. आप सोच रहेंगे भला ऐसा कौन करेगा लेकिन ऐसा हुआ है उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में जहां एक परिवार को गरीबी ने ऐसा करने पर मजबूर कर दिया.

दरअसल बाराबंकी के अकनपुर गांव में राम प्रकाश नाम के एक शख्स को स्वच्छ भारत मिशन के तहत एक टॉयलेट मिला, लेकिन गरीबी और लाचारी से बेबस वह शख्स उसे किचन के रूप में इस्तेमाल करने लगा.

राम प्रकाश को ऐसा इसलिए करना पड़ा, क्योंकि उसके पास रहने के लिए कोई अच्छी जगह नहीं थी और बारिश के मौसम में वो खाना भी नहीं बना पाते थे. ऐसे में ईंट सीमेंट से बने टॉयलेट को ही उसके परिवार को रसोईघर के रूप में इस्तेमाल करने पर मजबूर होना पड़ा, क्योंकि मौसम से बचने के लिए उसके पास दूसरा कोई उपाय नहीं था.

अपनी इस बेबसी, गरीबी और लाचारी को लेकर राम प्रकाश ने बताया, 'हमारे पास रहने की कोई अच्छी व्यवस्था नहीं है और हम झोपड़ी में रहने के लिए मजबूर हैं. इसी वजह से हमें टॉयलेट को ही किचन बनाना पड़ा और बीते एक साल से हम टॉयलेट में ही खाना बना रहे हैं.

अपनी इस बेबसी, गरीबी और लाचारी को लेकर राम प्रकाश ने बताया, 'हमारे पास रहने की कोई अच्छी व्यवस्था नहीं है और हम झोपड़ी में रहने के लिए मजबूर हैं. इसी वजह से हमें टॉयलेट को ही किचन बनाना पड़ा और बीते एक साल से हम टॉयलेट में ही खाना बना रहे हैं.




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