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विश्व दलहन दिवस के अवसर पर कृषकों को दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया गया प्रेरित

महासमुन्द 10 फरवरी 2020/दलहन का बड़ा उत्पादक प्रदेश होने के बावजूद राज्य को अपनी जरूरतों के लिये दाल का आयात करना पड़ता है। लिहाजा सरकार ने दाल की खपत के मामले में आत्मनिर्भरता लाने हेतु ग्रीष्मकालीन धान के बदले दलहन तिलहन एवं मक्का को प्रोत्साहित करने आज 10 फरवरी 2020 को सुराजी ग्राम योजना में स्वीकृत गौठान ग्रामों में विश्व दलहन दिवस का आयोजन किया गया। इसकी खेती को बढ़ावा देने के लिये सरकार लगातार प्रयास कर रही है। राज्य में दाल की संकट को देखते हुये मौजूदा दौर में दलहन तिलहन की खेती को बढ़ाने की संभावना बढ़ रही है एवं दलहन उत्पादन के दौरान पानी की कम खपत व भूमि में नाइट्रोजन स्थिरीकरण कर उर्वरा शक्ति बढ़ाने में सहायक तथा लम्बे समय तक सुरक्षित भंडारण संभव होती है। इससे किसानों की आमदनी इजाफा करने के उपाय संभव हो रही है। ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द फसल क्षेत्र विस्तार करने हेतु पांचो विकासखंड के 59 ग्रामों में विश्व दलहन दिवस के अवसर पर 300 मूंग मिनीकीट वितरण किया गया। विश्व दलहन दिवस के मौके पर विभिन्न ग्रामों में श्री एस.आर. डोंगरे उप संचालक कृषि, श्री आर.के. शर्मा सहायक संचालक कृषि, श्री ए.के. मोहन्ती सहायक मिट्टी परीक्षण अधिकारी, श्री बी.आर. घोड़ेसवार वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, श्री सुनील कुमार वर्मा बी.टी.एम. द्वारा मूंग मिनीकीट वितरण किया गया।




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