news-details

प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना के अंतर्गत जिले के किसानों को मिलेगा लाभ

योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को कलेक्टर के निर्देश

18 वर्ष से 40 वर्ष आयु के सीमांत एवं लघु कृषक होंगे लाभान्वित

योजना में स्त्री-पुरूष दोनों शामिल

60 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर तीन हजार रूपए एक सुनिश्चित मासिक पेंशन मिलेगा

महासमुन्द 11 फरवरी 2020/जिले के लघु एवं सीमांत कृषकों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना नामक वृद्धावस्था पेंशन योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना के अंतर्गत ऐसे स्त्री-पुरूष दोनों शामिल किए जाएंगे, जिनकी उम्र 18 से 40 वर्ष है। कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन ने आज यहां कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में समय-सीमा की बैठक में योजना की प्रभावी क्रियान्वयन एवं पात्र हितग्राहियों को लाभ दिलाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के कड़े निर्देश दिए।

उन्होंने बताया कि यह योजना स्वैच्छिक एवं अंशदायी पेंशन योजना है जिसमें मासिक अंशदान की राशि कृषक के आयु के आधार पर 55 रूपए से 200 रूपए तक हो सकता है। इस योजना में शामिल पुरूष एवं स्त्री दोनों को 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर तीन हजार रूपए एक सुनिश्चित मासिक पेंशन दिए जाने की व्यवस्था की गई है। इस योजना के अंतर्गत पंजीकरण का कार्य कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से किया जाना है। इस संबंध में कलेक्टर श्री जैन ने योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए, ताकि पात्र हितग्राहियों को योजना से लाभान्वित किया जा सके। इसके लिए ग्राम स्तर पर कोटवार के माध्यम से मुनियादी कराने के लिए कहा गया है। उन्होंने राजस्व अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि राजस्व निरीक्षक, पटवारियों, पंचायत सचिव तथा मैदानी अमलों को योजना से अवगत कराते हुए मैदानी स्तर पर ही लाभार्थी एवं कृषकों को जानकारी देवें।

कलेक्टर ने बताया कि इस योजना का लाभ विशेष रूप से सभी भूधारक लघु और सीमांत किसानों को मिलेगा। सरकार की ओर से किसानों के लिए आय और मूल्य संवर्धन की योजनाएं संचालित की गई है, फिर भी किसानों के लिए एक सामाजिक सुरक्षा कवच सृजित करने की जरूरत महसूस की गई है, क्योंकि वृद्धावस्था में अधिकांश किसनों की आजिवीका के साधन नहीं रह जाते, खेती-बाड़ी के कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, जो उनकी उम्र में इस अवस्था में कठिन होता है। लघु एवं सीमांत किसानों के लिए यह समस्या और भी बड़ी होती है, क्योंकि उनके पास बुढ़ापे में मामूली या शून्य बचत होती है। इसे ध्यान में रखते हुए ही यह योजना प्रारंभ की गई है।





अन्य सम्बंधित खबरें