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पिता ही निकला बेटी का कातिल, इस वजह से उतारा था मौत के घाट, अंधे कत्ल की गुत्थी पुलिस ने सुलझाई

महासमुंद। ग्राम कनेकेरा के नाला के पास हुई एक युवती के कत्ल की गुत्थी सिटी कोतवाली पुलिस ने सुलझा ली है। युवती का कातिल उसका पिता ही निकला। लोकलाज के भय से उसने अपनी पुत्री को मौत के घाट उतार दिया था। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार एक फरवरी को ग्राम कनेकेरा मुड़ानाला के पास एक युवती की खून से लथपथ लाश मिली थी। कनेकेरा निवासी हरिलाल दीवान ने उसे अपनी नातिन सुलोचना दीवान 19 वर्ष के रूप में शिनाख्त की थी। उसने बताया था कि वह 31 जनवरी को दोपहर घर से निकली थी, जो देररात तक वापस नहीं लौटी। बाद इसके दूसरे दिन उसकी लाश मिली। पुलिस ने इस मामले में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ल ने पतासाजी के निर्देश दिए थे। इस मामले में शनिवार को पुलिस ने युवती के पिता संतोष दीवान को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले को सुलझाने में प्रशिक्षु आईपीएस आंजनेय वाष्र्णेय, एसडीओपी नारद कुमार सूर्यवंशी, सिटी कोतवाली प्रभारी राकेश खुंटेश्वर, एसआई विनोद शर्मा, एएसआई डामनसिंह नागवंशी, प्रधानआरक्षक ललित चंद्राकर, आरक्षक चुडामणी सेठ, राहुल टंडन, सीमा ध्रुव का योगदान रहा।

युवती के प्रेमी से पुलिस को मिला क्लू

इस हत्याकांड में पुलिस को मृत युवती के प्रेमी से क्लू मिल सका। कई लोगों से पूछताछ में कोई सुराग नहीं मिल सका था। लिहाजा पुलिस ने मृत युवती के प्रेमी से पूछताछ की। जिस पर उसने पुलिस को बताया कि युवती के लगातार फोन में बात करने तथा उसके घर से बाहर आने-जाने के कारण उसका पिता उसके चरित्र पर संदेह कर गाली गलौच करता था। बाद इसके युवती के पिता संतोष दीवान से कड़ी पूछताछ की गई।जिस पर उसने हत्या की बात कबूल की।

लोकलाज के भय से कर दी हत्या

पुलिस ने बताया कि आरोपी पिता ने अपनी पुत्री की हत्या लोकलाज के भय से की है। पूछताछ के दौरान आरोपी संतोष दीवान ने बताया कि उसकी पुत्री सुलोचना लगातार फोन में बात करती रहती थी। बातों को भी नहीं सुनती थी। पूर्व में उसकी छोटी बेटी लव मेरिज कर ली थी, इससे वह लज्जा महसूस करता था, इस घटना को फिर से सुलोचना न दोहरा दे इसे लेकर वह आक्रोशित रहता था। 31 जनवरी की रात में सुलोचना घर लौटी जिस पर उससे सवाल जवाब करने पर वह घर से बाहर जाने लगी तब संतोष दीवान ने उसका पीछा किया और नाला के पास पत्थर से सुलोचना के सिर पर ताबड़तोड़ वार किया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।






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